महबूबा के बयान से सबक लें नसीरुद्दीन शाह। कश्मीर घाटी में फिर से बसेंगे हिन्दू।

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महबूबा के बयान से सबक लें नसीरुद्दीन शाह।
कश्मीर घाटी में फिर से बसेंगे हिन्दू।
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28 मई को जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने विधानसभा में कहा कि साढ़े चार लाख हिन्दुओं को फिर से कश्मीर घाटी में बसाया जाएगा। वहीं फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कश्मीर के हिन्दुओं को समर्थन करने के लिए अपने साथी अभिनेता अनुपम खेर पर कटाक्ष किया। शाह का कहना है कि अनुपम खेर कभी कश्मीर में रहे नहीं और अब कश्मीरी हिन्दुओं की पैरवी कर रहे हंै। समझ में नहीं आता कि नसीरुद्दीन शाह ने किस मानसिकता से खेर पर कटाक्ष किया है। भारतीय सिनेमा जगत में शाह को सम्मान की नजर से देखा जाता है। शाह की फिल्मों को सभी फिल्म प्रेमियों ने बॉक्स आफिस पर हिट करवाया है। ऐसे में यदि शाह कश्मीर के हिन्दुओं पर कटाक्ष करते हंै तो उसे किसी भी दृष्टि से उचित नहीं माना जाएगा। शाह को यह समझना चाहिए कि वह सबसे पहले भारतीय हैं और उनकी नजर में सभी धर्मो के लोग बराबर होने चाहिए। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती साढ़े चार लाख हिन्दुओं को वापस कश्मीर में बसा सकेंगी या नहीं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन महबूबा ने अपनी ओर से एक सकारात्मक पहल की है। अनुपम खेर के भी समर्थन से हिन्दुओं को बसाने में कितनी सफलता मिलेगी, इसका भी पता नहीं है। अच्छा होता कि शाह अनुपम खेर की पहल का मजाक उड़ाने के बजाय समर्थन करते।
महबूबा के लिए चुनौती :
मुख्यमंत्री की हैसियत से महबूबा ने हिन्दुओं को वापस घाटी में बसाने की बात कही है, लेकिन यह इतना आसान नहीं होगा। सब जानते हैं कि हिंसक वारदातों के बाद ही हिन्दुओं को कश्मीर से भागना पड़ा था। पिछले दिनों ही श्रीनगर के एनआईटी कैम्पस में रहने वाले हिन्दु छात्रों को भी कैम्पस छोडऩा पड़ा। 27 मई को ही श्रीनगर में एक बार फिर नकाबपोश अलगाववादियों ने पाकिस्तान के झंडे लहराए। घाटी में आए दिन आतंकी वारदातें हो रही हैं। सेना और पुलिस के जवान शहीद हो रहे है। इन परिस्थितियों में महबूबा का हिन्दुओं को वापस बसाने वाला बयान बहुत महत्व रखता है। विपक्ष में रहते हुए महबूबा ने भले ही कैसा भी किरदार निभाया, लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में उनके बयान का स्वागत किया जाना चाहिए। इसे कश्मीर में भाजपा और पीडीपी के संयुक्त सरकार की सफलता भी कहा जा सकता है। अब देखना है कि महबूबा के इस बयान पर अलगाववादी क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
(एस.पी. मित्तल) (29-05-2016)
(www.spmittal.in) M-09829071511

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