अब कौन लड़ेगा अजमेर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष का चुनाव। वकीलों को याद रहेगी देवकीनंदन शर्मा की दिलेरी।
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अजमेर जिला बार एसोसिएशन के चार बार अध्यक्ष रहे देवकीनंदन शर्मा का 5 जून की रात को 65 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। देवकी भाई के निधन से ही यह सवाल उठा है कि अब अजमेर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के पद का चुनाव कौन लड़ेगा? वकीलों की संस्था का चुनाव लड़कर अध्यक्ष बनाना कोई मामूली बात नहीं है। इस कठिन चुनाव को देवकी भाई ने चार बार जीता। यही वजह थी कि गत 15 वर्षो में जब भी चुनाव होते तो देवकी भाई अपना डांडा जिला न्यायालय परिसर में रौप देते। कई बार चुनाव से पहले ही देवकी भाई को चुनाव से हटना ही पड़ता था। लेकिन यह सही है कि जब भी चुनाव होते तो अध्यक्ष पद के लिए सबसे पहला नाम देवकीनंदन शर्मा का होता था। इस बार भी अध्यक्ष के लिए देवकी भाई का नाम ही सामने आ रहा था। अजमेर का वकील समुदाय यह जानता है कि जब देवकी भाई अध्यक्ष रहे तब-तब बैंच के मुकाबले बार का झण्डा बुलंद रहा। अध्यक्ष के पद पर रहते हुए कभी भी डबल गेम नहीं खेला। ऐसा नहीं कि डीजे को वकीलों के सामने चमकाया और फिर पीछे से डीजे के कक्ष में जाकर पैर पकड़ लिए। देवकी भाई का हाजिर जवाबी में तो कोई मुकाबला ही नहीं था। भरी अदालत में डीजे और अन्य न्यायाधीशों को जो बात देवकी भाई सुना सकते थे वह कोई दूसरा अध्यक्ष नहीं कर सकता था। जब कभी वकीलों पर कोई मुसीबत आई तो देवकी भाई ने अपना सीना आगे कर दिया। चूंकि अपने मुकदमों की संख्या कम थी इसलिए देवकी भाई वकीलों के हितों के लिए दिलेरी के साथ लड़ते थे। ऐसा नहीं कि देवकी भाई की छवि कोई झगड़ालु अध्यक्ष की थी। देवकी भाई अपनी सूझबूझ से बैंच के साथ अच्छा व्यवहार रखते थे। यही वजह रही कि जो न्यायाधीश अजमेर से निकल कर हाईकोर्ट के जज बने, उनसे देवकी भाई के मित्रतापूर्ण संबंध रहे। यही वजह रही कि 6 जून को जब देवकीनंदन शर्मा के शरीर का अंतिम संस्कार किया गया तो आतेड़ स्थित श्मशान स्थल पर बड़ी संख्या में वकील समुदाय उपस्थित था। इसमें कोई दो राय नहीं कि अजमेर के वकीलों के बीच देवकी भाई की याद लम्बे समय तक बनी रहेगी।
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(एस.पी. मित्तल) (6-06-2016)
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