रेजीडेंट डॉक्टरों ने चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र सिंह रा१ठौड़ के बजाए दिगम्बर सिंह की जुबान पर भरोसा किया। हड़ताल खत्म, काम पर लौटे।

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रेजीडेंट डॉक्टरों ने चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र सिंह रा१ठौड़ के बजाए दिगम्बर सिंह की जुबान पर भरोसा किया।
हड़ताल खत्म, काम पर लौटे।
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राजस्थान में पिछले दस दिनों से चल रही रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल 9 जून की शाम को खत्म हो गई। जो हड़ताली डॉक्टर चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ से लिखित में समझौते के आदेश मांग रहे थे, वो ही डॉक्टर 9 जून की शाम को चुपचाप मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में काम करने लग गए। किसी भी डॉक्टर ने कोई विरोध नहीं किया। हड़ताली डॉक्टरों के नेता कुलदीप पूनिया ने स्पष्ट तौर पर कहा कि अब उन्हें 20 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष डॉ. दिगम्बर सिंह की जुबान पर भरोसा है। इस भरोसे के अनुरूप ही सरकार हड़ताली डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करेगी। पूनिया ने यह भी कहा कि चिकित्सा मंत्री राठौड़ और हमारे बीच भ्रांति हो गई थी, इसलिए रेजीडेंट डॉक्टर काम पर नहीं लौट रहे थे। उन्होंने कहा कि अब ज्वॉइनिंग और री ज्वॉइनिंग का भी कोई विवाद नहीं रहा। 9 जून को जिस तरह से डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म की, उससे यह प्रतीत हुआ कि डॉक्टरों का अपने चिकित्सा मंत्री राठौड़ की बात पर भरोसा नहीं था। चार दिन पहले जब समझौता वार्ता हुई थी, तब राठौड़ ने भी कहा था कि रेजीडेंट डॉक्टर काम करना शुरू करें। सरकार के मन में रेजीडेंट को लेकर कोई दुर्भावाना नहीं है। लेकिन डॉक्टरों ने लिखित आश्वासन की मांग की। तब डॉक्टरों ने कहा कि हमें चिकित्सा मंत्री की जुबान पर भरोसा नहीं है, लेकिन उन्हीं डॉक्टरों ने डॉ. दिगम्बर सिंह पर भरोसा कर लिया। रेजीडेंटों की हड़ताल खत्म हो गई है। यह प्रदेश के लिए अच्छी बात है। लेकिन सवाल उठता है कि रेजीडेंटों और सरकार की जुबान की वजह से जिन लाखों मरीजों को परेशान होना पड़ा, उसका जिम्मेदार कौन होगा? रेजीडेंटों को यह भी बताना चाहिए कि उन्होंने राठौड़ के बजाए दिगम्बर सिंह पर भरोसा क्यों किया? राठौड़ ने क्या पूरे मामले को सही तरीके से हेंडिल नहीं किया? जानकारों की माने तो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दिगम्बर सिंह को विशेषतौर पर हड़ताल खत्म करवाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। डॉ. सिंह मुख्यमंत्री के भरोसे पर खरे उतरे हैं। डॉ. सिंह को रेजीडेंटों के नेता कुलदीप पूनिया को समझाने में ज्यादा समय नहीं लगा। इसके पीछे भी रहस्य छिपा हुआ है।
(एस.पी. मित्तल) (09-06-2016)
(www.spmittal.in) M-09829071511

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