धरना प्रदर्शन का सरकार पर कोई फर्क नहीं। राज्यमंत्री देवनानी ने शिक्षकों से दो टूक कहा।

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धरना प्रदर्शन का सरकार पर कोई फर्क नहीं। राज्यमंत्री देवनानी ने शिक्षकों से दो टूक कहा।
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पातेय वेतन शिक्षकों की समस्याओं को लेकर 15 जून को शिक्षकों के एक प्रतिनिधि मंडल ने शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी से मुलाकात की। इस मुलाकात में देवनानी ने शिक्षक प्रतिनिधियों से दो टूक शब्दों में कहा कि धरना-प्रदर्शन का सरकार पर कोई असर नहीं पड़ता है। राजस्थान के पातेय वेतन शिक्षकों को पदोन्नति की प्रक्रिया में शामिल नहीं करने के विरोध में शिक्षक संभाग मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर रहे हंै। आंदोलन के दौरान ही 15 जून को शिक्षकों के प्रतिनिधियों ने देवनानी से उनके अजमेर स्थित निवास पर मुलाकात की। देवनानी ने दो टूक शब्दों में कहा कि शिक्षा विभाग में पातेय वेतन शिक्षक हैं ही नहीं। प्रदेश में सरकार के मापदंडों के अनुरूप शिक्षक हैं और उसी के अनुरूप पदोन्नति हो रही है। पिछली कांग्रेस सरकार ने दोष पूर्ण तरीके से कुछ शिक्षकों को व्याख्याता और प्रधानाध्यापक के पद पर अस्थाई तौर पर लगा दिया, इसका यह मतलब नहीं कि ऐसे तृतीय श्रेणी शिक्षकों की पदोन्नति हो गई। उन्होंने कहा कि पदोन्नति की एक प्रक्रिया है और उसी के अनुरूप सरकार काम करेगी। बैठक में शिक्षकों के प्रतिनिधियों ने देवनानी से कहा कि यदि पिछली सरकार ने कोई गलती की है तो उसका दंड अब हमें क्यों दिया जा रहा है। जो शिक्षक पिछले सात साल से प्रधानाध्यापक और व्याख्याता के पद पर काम कर रहा है, उसे यदि वापस तृतीय श्रेणी का शिक्षक बना दिया जाएगा तो फिर उसे अपने ही स्कूल में अपमानित होना पड़ेगा। सरकार को पदोन्नति की प्रक्रिया ऐसी बनानी चाहिए, जिसमें सभी प्रकार के शिक्षकों को शामिल किया जाए। इस वार्ता में दिनेश शर्मा, विजय सिंह गौड, सूरजमल वर्मा, अशोक कुमार जयसवाल, रूपचन्द्र पांड्या, श्रीमती नीलम मीणा, श्रीमती अनिता सिंह, कैलाश वैष्णव, गुरु प्रसाद, हीरालाल गुर्जर, राजेन्द्र सिंह टेलर आदि शिक्षक प्रतिनिधि उपस्थित थे। वार्ता के बाद शिक्षकों ने शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी के रुख पर अफसोस जाहिर किया है। प्रतिनिधियों ने कहा कि अब संभाग मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।
(एस.पी. मित्तल) (15-06-2016)
(www.spmittal.in) M-09829071511

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