तो क्या रिलायन्स के 4जी के सामने एयरटेल, वोडाफोन जैसी कंपनियां मर जाएंगी? बीएसएनल तो दौड़ में ही नहीं। सॉफ्ट लॉन्च में चार माह तक फ्री नेट और कॉल। 200 चैनलों का लाइव प्रसारण।

#1485
image
——————————————-
मुकेश अंबानी के मालिकाना हक वाली रिलायन्स जियो ने देशभर में 4जी की सेवाओं का सॉफ्ट लॉन्च कर दिया है। इसके अंतर्गत 7 हजार रुपए का रिलायन्स का फोन खरीदने पर आगामी चार माह तक नेट और कॉल्स की सेवाएं फ्री है। देश भर में किसी भी कंपनी के फोन पर बात करने पर कोईशुल्क नहीं लगेगा और न ही नेट के लिए कोईशुल्क देना होगा। नेट की स्पीड भी दो-चार, छह-आठ एमबीपीएस नहीं बल्कि दस-बारह और 14 एमबीपीएस की है। यानि क्लिक करते ही बड़ी से बड़ी फाइल डाउनलोड हो जाती है। एक जीबी की पिक्चर मात्र कुछ ही मिनिटों में डाउनलोड हो रही है। जो लोग एयरटेल, वोडाफोन, एयरसेल, आइडिया जैसी कंपनियों को नेट के प्रति माह 2 हजार रुपए तक चुकाते हैं। वे उपभोक्ता हाथों-हाथ रिलायन्स जियो का 7 हजार रुपए वाला फोन खरीद रहे हैं चूंकि इस फोन के खरीदने के बाद आगामी चार माह तक नेट और कॉल्स का कोई शुल्क नहीं चुकाना है। इसलिए उपभोक्ताओं का मानना है कि चार माह में फोन की कीमत वसूली ली जाएगी। ऐसे में किसी भी उपभोक्ता को सात हजार रुपए का फोन खरीदने में घाटा नजर नहीं आ रहा है। जिन उपभोक्ताओं को नेट की अधिक आवश्यकता हैं वे भी रिलायन्स का यही फोन खरीद रहे हैं। जिन निजी दफ्तरों में एक से अधिक लेपटॉप कम्प्यूटर और मोबाइल पर नेट की आवश्यकता है वे भी रिलायन्स के फोन को वाई-फाई के मॉडम की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। हॉट-स्पॉट तकनीक से रिलायन्स के एक मोबाइल से कम से कम आठ मोबाइल फोन पर नेट का उपयोग एक साथ किया जा सकता है। इसके साथ ही कोई 200 चैनलों का लाइव प्रसरण भी इसी मोबाइल पर देखा जा सकता है। यानि आने वाले दिनों में टाटा स्काई, एयरटेल जैसी कंपनियों को भी नुकसान होगा।
रिलायन्स के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि अभी 4जी की कॉमर्शियल लॉन्चिंग नहीं हुई है। इसलिए नेट अथवा कॉल्स की दरों का निर्धारण नहीं किया गया है। चूंकि अभी 4जी का सम्पूर्ण सिस्टम परीक्षण के दौर में चल रहा है, इसलिए उपभोक्ताओं से कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। रिलायन्स ने 22 सर्किलों में 4जी का लाइसेंस हासिल किया है। इन 22 सर्किलों में देश के 29 राज्य कवर हो रहे है। रिलायन्स ने 4जी के सिस्टम पर एक लाख 20 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया है। जो भारत में ही नहीं दुनिया के टेलीकॉम क्षेत्र सबसे बड़ा है। आने वाले दिनों में मोबाइल पर नेट का उपभोग दैनिक जीवन से जुड़ जाएगा। नेट के महत्त्व को देखते हुए ही रिलायन्स ने 4जी की सेवाओं में 20 एमबीपीएस की स्पीड देने का प्रावधान किया है। जो उपभोक्ता वर्तमान में एयरटेल के 4जी का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्हें मुश्किल से 2 या 3 एमबीपीएस की स्पीड मिल रही है। वोडाफोन ने तो अभी 4जी लॉन्च ही नहीं किया है। इसलिए यह सवाल उठा है कि रिलायन्स के 4जी का मुकाबला एयरटेल, वोडाफोन जैसी टेलीकॉम कंपनियां कैसे करेगी? तो क्या रिलायन्स के सामने यह कंपनिया मर जाएंगी? जहां तक बीएसएनएल का सवाल है तो सरकारी क्षेत्र की यह कंपनी तो दौड़ में ही शामिल नहीं है। बीएसएनएल की सेवाएं भी एक दम कंडम हंै। बीएसएनएल के लैंडलाइन पर रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक कॉल्स की जो फ्री सेवा है, उसका भी रिलायन्स जियो ने दम निकाल दिया है। क्योंकि रिलायन्स के फोन पर चौबीस घंटे किसी भी नेटवर्क पर फ्री बात की जा सकती है। जिन उपभोक्ताओं ने रिलायन्स का 7 हजार रुपए वाला फोन खरीद लिया है वे बीएसएनएल के ब्रांडबेंड की सेवाओं को भी बंद करवा रहे हैं।
लूट मचा रखी है कंपनियों ने
असल में नेट की सुविधा देने के नाम पर एयरटेल, वोडाफोन जैसी कंपनियों ने लूट मचा रखी है। इसे डकैती ही कहा जाएगा कि एयरटेल जैसी कंपनी एक जीबी नेट 300 रुपए तक में बेचती है। स्कूल, कॉलेजों में पढऩे वाले विद्यार्थियों का एक जीबी नेट दो-तीन दिन में ही खर्च हो जाता है। नेट को लेकर जब कोईशिकायत की जाती है, तो इन बेईमान कंपनियों में कोई सुनवाई नहीं होती। चूंकि आम उपभोक्ता खासकर युवा वर्ग नेट के नाम पर इन कंपनियों की लूट से दु:खी है, इसलिए बाजार में रिलायन्स के 7 हजार रुपए वाले फोन के प्रति लगातार आकर्षण बढ़ रहा है। रिलायन्स ने इस फोन की बिक्री के लिए किसी भी प्रकार का विज्ञापन अथवा प्रचार नहीं किया है, लेकिन इसके बावजूद भी देशभर में इस फोन की बिक्री बढ़ रही है। करोड़ों रुपया विज्ञापन पर खर्च करने के बजाए रिलायन्स ने उपभोक्ताओं को ही इसका सीधा लाभ देने का निर्णय लिया है। परीक्षण के दौरान रिलायन्स को सिस्टम की कमियां भी पता चल रही है। अब देखना है कि चार माह बाद जब 4जी का कॉमर्शियल लॉन्च होगा तब रिलायन्स नेट और कॉल्स का कितना शुल्क वसूलता है। वोडाफोन, एयरटेल जैसी कंपनियों का मानना है कि रिलायन्स की लूट तो हमसे भी ज्यादा है। इसलिए यह कंपनियां रिलायन्स के कॉमर्शियल लॉन्च का इंतजार कर रही है। लेकिन इस चार माह की अवधि में रिलायन्स टेलीकॉम बाजार से एयरटेल और वोडाफोन जैसी दिग्गज कंपनियों का सूपड़ा साफ कर देगा। अच्छा हो कि यह कंपनिया अपनी लूटमार को कम कर दें। जैसे-जैसे 7 हजार रुपए वाले फोन के उपभोक्ता बढेंगे, वैसे-वैसे एयरटेल और वोडाफोन के ग्राहक कम होते चले जाएंगे।
नोट- फोटोज मेरी वेबसाइट www.spmittal.in तथा फेसबुक अकाउंट पर देखें।

(एस.पी. मित्तल) (23-06-2016)
(www.spmittal.in) M-09829071511

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...