तो मीणा बंधुओं पर ही है ईश्वर की कृपा। अशोक गहलोत के राज में हरीश मीणा रहे डीजीपी, अब वसुंधरा के शासन में ओ.पी.मीणा बने सीएस।

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राजस्थान में जो आईएएस मुख्य सचिव की दौड़ में शामिल थे उनमें से अधिकांश का यह मानना है कि ईश्वर की कृपा सिर्फ मीणा बंधुओं पर है। इसे ईश्वर की कृपा ही कहा जाएगा कि 30 जून को ओ.पी.मीणा राजस्थान के सीएस बने गए। आईएएस की नौकरी में सीएस के पद को ही सबसे बड़ा माना जाता है। यह भी ईश्वर की कृपा ही थी कि गत कांग्रेस के शासन में ओ.पी.मीणा के बड़े भाई हरीश मीणा राजस्थान के डीजीपी रहे। आईपीएस की नौकरी में डीजीपी (प्रशासन) के पद को ही सबसे बड़ा माना जाता है।
यानि अशोक गहलोत के राज में हरीश मीणा और वसुंधरा राजे के राज में ओ.पी.मीणा सर्वोच्च पदों पर विराजमान हुए हंै। राजस्थान में सरकार भाजपा की हो या कांग्रेस की,लेकिन ईश्वर की कृपा मीणा बंधुओं पर ही रहती है। कांग्रेस के शासन में हरीश मीणा को जब डीजीपी बनाया था, तब यह आरोप लगा कि हरीश मीणा के बड़े भाई नमोनारायण मीणा केन्द्र में मंत्री हैं, इसलिए हरीश मीणा डीजीपी बने। अब कहा जा रहा है कि हरीश मीणा की वजह से ओ.पी.मीणा सीएस बने हंै। हरीश मीणा वर्तमान में दौसा से भाजपा के सांसद हैं। ये वो ही हरीश मीणा हैं, जिन्होंने वसुंधरा राजे के कट्टर राजनीतिक दुश्मन किरोड़ीलाल मीणा को लोकसभा चुनाव में हराया था। वसुंधरा राजे यदि हरीश मीणा को दौसा से भाजपा का उम्मीदवार नहीं बनाती तो किरोड़ी लाल मीणा कभी भी हार नहीं सकते। असल में वसुंधरा ने भी लोहे को लोहे से काटने वाली कहावत को चरितार्थ किया। किरोड़ी लाल मीणा को हराने वाले हरीश मीणा के भाई ओ.पी.मीणा को यदि सीएस बना दिया गया है तो दूसरे आईएएस नौकरशाहों को नाराज नहीं होना चाहिए। हरीश मीणा और ओ.पी.मीणा के बड़े भाई नमोनारायण मीणा आज भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। नमोनारायण भी राजस्थान के डीजीपी रह चुके हैं। असल में मीणा बंधुओं की राजनीति अपनी जगह ह। और ईश्वर की कृपा अपनी जगह राजनीतिक तो आईपीएस से रिटायर हुए लक्ष्मण मीणा ने भी की थी, लेकिन ईश्वर की कृपा नहीं होने के कारण लक्ष्मण मीणा चुनाव हार गए। जहां तक मिलन सरिता का सवाल है तो मीणा बंधुओं में इसकी कोई कमी नहीं है।
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(एस.पी. मित्तल) (01-07-2016)
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