मत चुके चौहान वाली कहावत को चरितार्थ करना चाहिए अजमेर प्रशासन को। पुलिस और प्रशासन में भी इस समय अच्छा तालमेल है।

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चार बांस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमाण, ता ऊपर सुल्तान है, मत चुके चौहान। अजमेर के राजा पृथ्वीराज चौहान से जुड़ी यह घटना 12वीं सदी की है, जब बंधक पृथ्वीराज चौहान ने कवि चन्दबरदाई की इस कविता पर तीर चलाकर आक्रमणकारी मोहम्मद गौरी को मार डाला था। तभी से यह कहावत चली आ रही है कि मौका मिलने पर जीत हासिल करने में चुकना नहीं चाहिए। कुछ ऐसे ही हालात 21वीं सदी में अजमेर जिला प्रशासन के सामने बन गए हैं। अजमेर में आगामी 15 अगस्त को राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस का तीन दिवसीय समारोह होना है। इसके लिए जिला प्रशासन रात और दिन तैयारियां कर रहा है। शहर के मार्टिंडल ब्रिज से लेकर बजरंगगढ़ चौराहे तक के कोई दो किलोमीटर के मुख्य मार्ग को एक ही झटके में अतिक्रमण मुक्त कर दिया है। जेएलएन अस्पताल के सामने भी बड़े पैमाने पर बरसों पुराने स्थाई अतिक्रमण हटाए हैं। असल में अब अतिक्रमणकारियों में प्रशासन का डर हो गया है। ऐसे में प्रशासन को मत चुके चौहान की कविता पर अमल करते हुए पूरे शहर को अतिक्रमण मुक्त कर देना चाहिए। नया बाजार हो या दरगाह बाजार, अब कहीं भी अतिक्रमण हटाओ अभियान का विरोध नहीं होगा। आम लोग प्रशसन की इस कार्यवाही से खुश हैं।
कलेक्टर-एसपी में तालमेल:
इन दिनों अजमेर के कलेक्टर गौरव गोयल और एसपी नितिन दीप ब्लग्गन के बीच अच्छा तालमेल है। अब इस बात का रोना नहीं है कि अतिक्रमण हटाते समय पुलिस बल नहीं आता है। हालांकि अस्थाई अतिक्रमण हटाने का काम नगर निगम का है, लेकिन पूरा शहर जनता है कि अतिक्रमण पुलिस के डंडे के भय से ही हटे हैं। ब्लग्गन और गोयल दोनों युवा अधिकारी हैं। 12वीं सदी में तो अंधे होने के बाद भी पृथ्वीराज चौहान ने तीर निशाने पर लगाया था, लेकिन 21वीं सदी में तो गोयल और ब्लग्गन मजबूत स्थिति में खड़े हैं। उल्टे अतिक्रमणकारी पस्त हैं। ऐसे में थोड़े से प्रयासों से शहर को अतिक्रमण मुक्त करवाया जा सकता है। स्वतंत्रता दिवस का राज्य स्तरीय समारोह होने की वजह से अजमेर प्रशासन को इस समय राज्य सरकार का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। अब देखना है कि प्रशासन इस स्थिति का कितना फायदा उठाता है।

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(एस.पी. मित्तल) (12-07-2016)
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