आखिर औंकार सिंह लखावत बूढ़ा पुष्कर सरोवर में बरसात का पानी ले ही आए। अब 14 अगस्त को सीएम लेंगी जायजा।

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इसे भाजपा नेता औंकार सिंह लखावत की जिद ही कहा जाएगा कि इस बार बरसात का पानी ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से खास महत्त्व रखने वाले बूढ़ा पुष्कर में आ ही गया। यूं तो तीर्थ गुरु पुष्कर का अपना धार्मिक महत्त्व है, लेकिन पुष्कर के पवित्र सरोवर के निकट ही बूढ़ा पुष्कर भी विद्यमान है। मुख्य सरोवर का पानी कभी सूख जाए, लेकिन बूढ़ा पुष्कर की जमीन के अंदर अथाह पानी भरा हुआ था। पानी के भंडार को देखते हुए ही अंग्रेजों ने अपने शासन में बूढ़ा पुष्कर के सरोवर से अजमेर तक पाइप लाइन बिछाई और रेलवे को पानी सप्लाई किया। यह सिलसिला आजादी के बाद तक जारी रहा और अभी मुश्किल से 15 वर्ष पहले रेलवे ने बूढ़ा पुष्कर से पानी लेना बंद किया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बूढ़ा पुष्कर में पानी का कितना भंडार रहा होगा। लेकिन वो ही बूढ़ा पुष्कर बूंद-बूंद पानी के लिए तरस गया। चारों तरफ रेतीले पहाड़ की वजह से सरोवर मिट्टी में दब गया। तब किसी ने भी कल्पना नहीं की थी कि बूढ़ा पुष्कर का जिर्णोद्धार होगा और एक दिन बरसात का पानी इस सरोवर में आ जाएगा। लेकिन वसुंधरा राजे के पिछले कार्यकाल में औंकार सिंह लखावत जब राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष बने तो लखावत ने जिद की कि वे बूढ़ा पुष्कर में बरसात का पानी लाएंगे। तब लखावत ने सरोवार की खुदाई भी करवाई और घाट भी बनाए। लेकिन बरसात का पानी नहीं आया। चूंकि यह लखावत की जिद थी, इसलिए कांग्रेस के अशोक गहलोत के शासन में बूढ़ा पुष्कर का काम ठप रहा। लेकिन वसुंधरा राजे के दोबारा से मुख्यमंत्री बनने और लखावत के दोबारा से प्राधिकरण का अध्यक्ष बनने के बाद बूढ़ा पुष्कर की एक बार फिर सुध ली गई। लखावत के यह समझ में आ गया कि सिर्फ सरोवर की खुदाई करने और घाट बना देने से बरसात का पानी नहीं आएगा। क्योंकि सरोवर में आने वाले बरसाती नालों के रास्तों में अतिक्रमण हो गए हैं। अतिक्रमणों को हटाकर फीडर निर्माण का काम भी सपने जैसा था। लेकिन लखावत ने एक बार फिर जिद की और फीडर निर्माण का काम शुरू करवा दिया। हालांकि अभी फीडर निर्माण का काम चल रहा है, लेकिन जितनी दूरी तक रपट बन गई है, उससे ही सरोवर में बरसात का पानी आना शुरू हो गया है। यह माना कि निर्माण कार्यों पर सरकारी धन खर्च हो रहा है, लेकिन सरकारी धन का सही सदुपयोग हो जाए तो फिर टैक्स चुकाने वाली जनता वहां वाही करती है। बूढ़ा पुष्करमें पानी आना किसी चमतकार से कम नहीं है और इसका श्रेय पूरी तरह लखावत को जाता है।
14 को आएंगी सीएम:
स्वतंत्रता दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तीन दिवसीय दौरे पर अजमेर आएंगी। माना जा रहा है कि 14 अगस्त को बूढ़ा पुष्कर के सरोवर का जायजा भी मुख्यमंत्री लेंगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री को बताया जाएगा कि विपरीत परिस्थितियों में सरोवर में बरसात का पानी आया है। पुष्कर के लोगों का मानना है कि बूढ़ा पुष्कर भी देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करेगा।

(एस.पी. मित्तल) (08-08-2016)
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