गौभक्त सरकार का पीएम गौ रक्षकों के खिलाफ बोल रहा है। जैन संत प्रमाण सागर महाराज ने कहा धर्म में न हो राजनीति।

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देश के सुविख्यात जैन संत प्रमाणसागर महाराज ने इस बात पर अफसोस जताया है कि गौभक्त सरकार के पीएम नरेन्द्र मोदी गौ रक्षकों के खिलाफ ही बोल रहे हैं। 80 प्रतिशत गौरक्षकों को गौरख धंधों में लिप्त रहने वाले मोदी के बयान पर जैन संत ने कहा कि शायद प्रधानमंत्री को हकीकत का पता नहीं है। हालत इतने खराब है कि गौ तस्कर पुलिस की मिली भगत से ट्रकों और बसों में भरकर गायों को कत्ल खाने लेजाते हैं। अच्छा होता कि पीएम मोदी गौसंरक्षण पर कोई ठोस कदम उठाते। उन्होंने कहा कि कुछ लोग गौरक्षा के नाम पर धंधा करते होंगे,लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि 80 प्रतिशत गौरक्षक धंधे बाज हैं। पीएम मोदी को यह पता होना चाहिए कि आचार्य विद्यासागर जी महाराज की प्रेरणा से देश में 137 गौ शालाएं चल रही हैं। एक गौशाला में तीन-तीन हजार गाय हैं। एक भी गौशाला को सरकारी अनुदान नहीं मिलता है। जैन समाज के लोग ही गौशालाओं को संचालित करते हैं। नरेन्द्र मोदी की सरकार को गौभक्त सरकार माना जाता है। आज हजारों लोग गौ सेवा के काम में लगे हुए हैं।
जैन संत प्रमाण सागर महाराज इन दिनों अजमेर में ही चार्तुमास कर रहे हैं। 17 अगस्त को जैन संत से मेरा सीधा संवाद हुआ। हालांकि प्रमाण सागर महाराज टीवी नहीं देखते हैं और न ही अखबार पढ़ते हैं। लेकिन महाराज के अनुयायी उनके लिए आईटी की तकनीक का उपयोग करते हैं। पारस चैनल पर महाराज का शंका समाधान कार्यक्रम रोजाना सायं 6:20 से 7:20 बजे तक लाइव प्रसारित होता है। इस कार्यक्रम में महाराज लोगों के सवालों का जवाब देते हैं। इन दिनों महाराज अजमेर के वैशाली नगर स्थित आंतेड़ की छतरियों में बने विशाल पांडाल में रोजना प्रवचन दे रहे हैं। शाम के कार्यक्रम के साथ ही सुबह जिनवाणी चैनल परप्रात: 6:45 बजे से जैन समाज के लोगों को धर्म की शिक्षा दी जाती है। इसके बाद प्रात: 8:15 से 9:15 बजे तक जिनवाणी पर महाराज के प्रवचनों का लाइव प्रसारण होता है। इसी चैनल पर रात 9:46 बजेसे महाराज के रिकॉर्डिंग प्रवचन सुने जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त अनुयायिओं ने वेबसाइट भी बना रखी है। इस वेबसाइट पर जैन समाज की विस्तृत जानकारी है। इतना ही नहीं एक प्रमाण एप भी बना रखा है। जिसके माध्यम से लाखों जिज्ञासु महाराज से सीधे जुड़े हुए हंै। एक अनुमान के मुताबिक टीवी चैनलों के माध्यम से रोजाना कोई डेढ़ करोड़ लोग महाराज को सुनते हैं। यानि अनुयायिओं ने महाराज को इंटरनेट की नई तकनीक से जोडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसे प्रमाण सागर महाराज की लोकप्रियता की कहा जाएगी कि टाटा स्काई जैसे बड़े टीवी ओपरेटरर भी जिनवाणी और पारस चैनल का प्रदर्शन करते हैं।
एक दिन में बनवाया सम्मेद शिखर:
यूं तो जैन समुदाय का सर्वोच्च तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर झारखंड में हैं। लेकिन इसे प्रमाण सागर का चमत्कार ही कहा जाएगा कि एक दिन में अजमेर में भी छोटे सम्मेद शिखर का निर्माण करवा दिया गया। हुआ यूं कि गत 8 अगस्त को मोक्ष सप्तमी पर मोदक समर्पित करने के लिए थर्माकॉल की टोंक (छतरी) बनवाई गई थी। जैन समाज में मोक्ष सप्तमी के दिन छतरियों पर मोदक चढ़ाने की प्रबल धार्मिक मान्यता है। इसलिए अनुयायिओं ने प्रमाण सागर महाराज से आग्रह किया की यदि वे अपना चमत्कारिक आशीर्वाद दे तो आंतेड़ की छोटी पहाड़ी पर सम्मेद शिखर की तरह 24 टोंक (छतरियों) का निर्माण करवा दिया जाए। महाराज ने पहले पहाड़ी क्षेत्र का निरीक्षण किया और फिर मार्बल के पत्थरों के टोंक बनाने की अनुमति दे दी। अनुयायिओं ने महाराज से 7 अगस्त को अनुमति ली थी और 8 अगस्त को श्रद्धालुओं ने थर्माकॉल की जगह मार्बल से बनी छतरियों पर ही मोदक समर्पित किए। महाराज से जुड़े अनुयायी प्रकाश जैन मानते हैं यदि चमत्कारी आशीर्वाद नहीं होता तो मात्र 36 घंटे की अवधि में छोटा सम्मेद शिखर अजमेर में नहीं बन सकता था। स्वयं प्रमाण सागर महाराज का मानना है कि दुनिया भर के जैन समाज के लोगों के लिए अजमेर में छोटा सम्मेद शिखर बनाना बहुत महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि जिस पहाड़ी क्षेत्र में निर्माण हुआ है। उसमें उनके दीक्षा गुरु और विश्वविख्यात जैन संत आचार्य विद्या सागर महाराज ने तपस्या की थी। आचार्य विद्या सागर इसी क्षेत्र में 36-36 घंटे लगातार एक पैर पर खड़े होकर साधना करते थे।
धर्म में राजनीति न हो:
जैन मुनि प्रमाण सागर महाराज ने कहा कि धर्म में राजनीति नहीं होनी चाहिए। लेकिन राजनीति में धर्म का अनुसराण होना जरूरी है। जब राजनीति धर्म के अनुरूप चलती है तो रामायण लिखीजाती है और जब धर्म में राजनीति घुसेड़ी जाती है तो फिर महाभारत होता है।
अल्पसंख्यक होने का फायदा उठाएं:
महाराज ने कहाकि जैन समाज के लोगों को अल्पसंख्यक होने का फायदा उठाना चाहिए। अल्पसंख्यकों को सरकार ने शिक्षा, चिकित्सा आदि के सामाजिक कार्यों के लिए रियायती दर पर जमीन और बैंक लोन पर अनुदान देने की सुविधा दे रखी है। जैन समुदाय के लोगों को चाहिए कि वे सरकार से मिलने वाली सुविधाएं लेकर समाज के हित में कार्य करें। इस संबंध में समाज के प्रतिनिधियों को एक पुस्तक निकाल कर यह बताना चाहिए कि अल्पसंख्यक को सरकार की ओर से क्या क्या सुविधाएं मिल रही हैं।
(एस.पी. मित्तल) (17-08-2016)
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