तेजा मेले से फिर गर्मायी ब्यावर में भाजपा की राजनीति। विधायक रावत के रवैए से वरिष्ठ नेता नाराज।

#1743
तेजा मेले से फिर गर्मायी ब्यावर में भाजपा की राजनीति। विधायक रावत के रवैए से वरिष्ठ नेता नाराज।
—————————————
राजस्थान की औद्योगिक नगरी ब्यावर में सुप्रसिद्व तेजा मेले को लेकर सत्तारुढ़ भाजपा की राजनीति गर्मा गई है। संगठन के प्रति वफादार नेताओं को इस बात का मलाल है कि मेले के कार्यक्रमों में उन्हें सम्मान नहीं दिया गया है। तीन दिवसीय मेले की शुरूआत 11 सितम्बर को होगी। इसमें अनेक मंत्री एवं भाजपा के बड़े पदाधिकारी भाग लेंगे। आरोप है कि भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत ने अपनी समर्थक नगर परिषद की सभापति श्रीमती बबीता चौहान से क्षेत्र के पुराने नेताओं को नजर अंदाज करवाया है। ये सारे वो नेता है जिन्होंने मंडल अध्यक्ष के चुनाव में विधायक रावत की कार्यशैली का विरोध किया था तब जिला अध्यक्ष बीपी सारस्वत ने समझौते का फार्मूला निकालते हुए विधायक के समर्थक जयकिशन बल्दुआ को अध्यक्ष बनाया, लेकिन साथ ही विरोधी खेमे के मुरली तिलोकानी को जिला मंत्री बना दिया। फरवरी में लागू इस फार्मूले में अब दरार आ गई है। जिला उपाध्यक्ष पवन जैन, भरत मालानी, महिला मोर्चा की अध्यक्ष इंदु शर्मा, एससी-एसटी मोर्चें के अध्यक्ष मुकेश गोयर, युवा मोर्चें के मनीष बुरड़ जैसे नेताओं के नाम तेजा मेले के कार्ड में नहीं छापे गए हैं जबकि सभापति ने अपने पति नरेन्द्र चौहान, तुलसी रंगवाला जैसों के नाम लिखे है। 8 उपाध्यक्ष में से मात्र एक का ही नाम लिखा है जबकि एम.एम. बल्दुआ, गोविन्द साहू, कैलाश मूंदड़ा जैसे उपाध्यक्षों को नजरअंदाज किया गया है। विधायक के इशारे पर सभापति जिस तरह से तेजा मेले का आयोजन करवा रही हंै, उससे ब्यावर भाजपा का एक धड़ा पूरी तरह नाराज है। इस नाराजगी को जिला अध्यक्ष सारस्वत के समक्ष रखा है। यह बात अलग है कि विधायक ने राजनीति करते हुए जिला अध्यक्ष सारस्वत से 12 सितम्बर के कार्यक्रम की अध्यक्षता करवाई है।
दिखावे का विरोध:
ाल ही में जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने जब ब्यावर का दौरा किया तो विधायक रावत ने अतिक्रमण और अवैध निर्माण के मुद्दे पर नगर परिषद का विरोध किया। कलेक्टर के सामने विधायक ने जिन निर्माणों को अवैध माना उनके विरूद्व आज तक भी कार्यवाही नहीं हुई है। असल में नगर परिषद में वो ही होता है जो विधायक चाहते हैं। लेकिन कोई आरोप न लगे, इसके लिए विधायक रावत परिषद के कामकाज के प्रति नाराजगी भी जताते रहते है।
एक अच्छी परम्परा भी:
सुप्रसिद्व तेजा मेल में प्रतिवर्ष एक अच्छी परम्परा भी निभाई जाती है। तीन दिवसीय मेले के दौरान एक दिन विपक्ष के नेताओं को सम्मान दिया जाता है। चूंकि इस बार कांग्रेस विपक्ष में है। इसलिए अंतिम दिन 13 सितम्बर को नसीराबाद के कांग्रेसी विधायक रामनारायण गुर्जर, देहात जिला अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह राठौड़, पूर्व मंत्री लक्ष्मण सिंह रावत आदि को अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है। मालूम हो कि तेजा मेले में आसपास के क्षेत्रों के ग्रामीण बड़ी संख्या में भाग लेते है।
(एस.पी. मित्तल) (09-09-2016)
नोट- फोटोज मेरी वेबसाइट spmittal.in फेसबुक अकाउंट पर देखें।
(www.spmittal.in) M-09829071511
www.facebook.com /spmittal blogger

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...