दिनभर बिजली बन्द रहने के बारे में अजमेर डिस्कॉम के एमडी विश्नोई को पता ही नहीं। बहुत आक्रोश है जनता में।

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दिनभर बिजली बन्द रहने के बारे में अजमेर डिस्कॉम के एमडी विश्नोई को पता ही नहीं। बहुत आक्रोश है जनता में।
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24 सितम्बर को अजमेर शहर में अधिकांश इलाकों में 5 से 9 घण्टे बिजली की सप्लाई बन्द रही। इसके लिए बाकायदा अखबारों में सूचना दी गई। विद्युत निगम का कहना है कि भूमिगत केबलों को जोडऩे के लिए बिजली की सप्लाई बन्द की गई है। पिछले एक वर्ष से भूमिगत केबल का काम कैसे हो रहा है, इसकी बात तो बाद करूंगा। पहले अजमेर डिस्कॉम के एमडी एम आर विश्नोई की। सब जानते है कि इन दिनों सूरज की तपन जबरदस्त है। ऐसे में हर आदमी को कम से कम पंखे की हवा तो चाहिए ही। इस पीड़ा का एहसास करते हुए मैंने एमडी विश्नोई से फोन पर बात की। मुझे तब आश्चर्य हुआ जब विश्नोई ने हय जानना चाहा कि क्या अजमेर शहर में बिजली बन्द है? विश्नोईने बड़ी विनम्रता के साथ कहाकि मैं बिजली बन्द होने का पता करूंगा और जल्द से जल्द शहर भर में बिजली की सप्लाई करवाऊंगा। मेरे यह समझ में नहीं आता कि आखिर भाजपा सरकार का प्रबंधन कैसे चल रहा है? डिस्कॉम का मुख्यालय अजमेर में ही है और शहर में दिन भर बिजली बन्द रहे, इसकी जानकारी एम डी को न हो? असल में भूमिगत केबल का काम ठेकेदार कर रहा है चूंकि ठेकेदार और निगम के इंजीनियरों की मिलीभगत है इसलिए जनता की सुनने वाले कोई नहीं है। ठेकेदार और इंजीनियरों की सांठ-गांठ का ही नतीजा है कि एमडी तक को पता नहीं कि उनके शहर में दिनभर बिजली की कटौती हो रही है। अजमेर शहर के उन इंजीनियरों को शर्म आनी चाहिए, जो एमडी को गुमराह कर दिनभर आम जनता को परेशान कर रहे हैं। जनता में जो आक्रोश है उसका खामियाजा राजस्थान की भाजपा सरकार को उठाना पड़ेगा। मुझे भी यह पता था कि ठेकेदार और इंजीनियरों की सांठ-गांठ को एमडी विश्नोई भी नहीं तोड़ सकते हैं इसलिए जल्द बिजली सप्लाई देने का विश्नोई का वायदा भी झूठा साबित हुआ।
एक वर्ष से चल रहा है केबल का काम
अजमेर शहर में पिछले एक वर्ष से भूमिगत केबल बिछाने का काम चल रहा है। पन्द्रह अगस्त को अजमेर में हुए राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस के समारोह की वजह से 2 माह तक रोजाना बिजली की सप्लाई बन्द की गई। चूंकि 15 अगस्त से पहले काम पूरा नहीं हुआ इसलिए पिछले 10 दिनों से फिर से भूमिगत केबल का काम शुरू कर दिया गया है। यह माना कि किसी काम को करने में समय लगता है लेकिन अजमेर शहर में जिस तरह से ठेकेदार और इंजीनियरों की मिलीभगत से काम हो रहा है, उसकी उच्चस्तरीय जांच होनी ही चाहिए। डिस्कॉम के एमडी विश्नोई भले ही एसी कमरे में बैठे हों, लेकिन बिजली के बिना आम जनता कितनी परेशान है इसका अन्दाजा लगाया जा सकता है।
सीएमडी ने ली बैठक
24 सितम्बर को जब अजमेर शहर की जनता बिजली के बिना त्राहि-त्राहि कर रही थी तब प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों के अध्यक्ष और सीएमडी श्रीमत पांडे ने भी अजमेर में बैठक की। इन बैठकों का क्या नतीजा निकलता है, यह जनता अच्छी तरह जानती है। अच्छा होता कि पांडे अजमेर के नागरिकों के दर्द का एहसास करते और भ्रष्ट इंजीनियरों को हिदायत देते। जिस तरह एमडी विश्नोई को बिजली बंद का पता नहीं चला उसी प्रकार सीएमडी पांडे भी अनभिज्ञ रहे होंगे।
(एस.पी. मित्तल) (24-09-2016)
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