तो वीसी सोढानी ने यूनिवर्सिटी को 5 दिनों तक पूर्वोत्तर की संस्कृति से महकाए रखा। अजमेर के इतिहास में दर्ज हो गया ऑक्टेव 2016

#1781
img_5957 img_5956
======================
अजमेर के एमडीएस यूनिवर्सिटी के परिसर में 21 से 25 सितम्बर तक ऑक्टेव 2016 का शानदार आयोजन हुआ और इसमें पूर्वोत्तर के 7 राज्य अरूणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नागालैण्ड, सिक्किम तथा त्रिपुरा के लोक कलाकारों ने अपने-अपने प्रदेश की कला और संस्कृति का बखुबी प्रदर्शन किया। यानि लगातार 5 दिनों तक यूनिवर्सिटी के परिसर को पूर्वोत्तर की संस्कृति से महकाए रखा। अजमेर के नागरिकों के लिए यह अच्छा प्रयास रहा कि इतने बड़े पैमाने पर भारतीय संस्कृति जुड़े कलाकार आए। इसका पूरा श्रेय यूनिवर्सिटी के वीसी कैलाश सोढानी को जाता है। सोढानी ने ही अपने स्तर पर पश्चिम क्षेत्र के सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर से सम्पर्क कर इस भव्य आयोजन को अजमेर में करवाया। यूनिवर्सिटी के कोष से भी कोई 10 लाख रुपए की राशि खर्च की। सब जानते है कि ऐसे सांस्कृतिक आयोजनों के लिए इधर-उधर से आर्थिक सहयोग लिया जाता है, लेकिन सोढानी ने अकेले अपने दम पर इतना बड़ा आयोजन कर दिखाया। यह सोढानी का सकारात्मक पहलू है कि यूनिवर्सिटी के सभी शिक्षक और स्टॉफ आयोजन को सफल बनाने में लगे रहे। यानि सोढानी ने टीम भावना से कार्य को अंजाम दिया। शहर भर के नागरिकों की रूचि भी समारोह के प्रति बनी रहे, इसके प्रयास भी सफलतापूर्वक किए। अंतिम दिन 25 सितम्बर की शाम को मुझे भी ऑक्टेव का कार्यक्रम देखने का अवसर मिला। वीसी सोढानी ने बतायाकि 100 से भी ज्यादा कलाकारों को ठहराने आदि के इंतजाम भी किए हैं। पूर्वाेत्तर राज्यों के कलाकारों ने ही 2 माह पहले आकर इंतजाम की शुरुआत कर दी। मुख्य द्वार से लेकर स्टेज तक इन्हीं कलाकारों ने बनाए। यूं तो अजमेर में सांस्कृतिक आयोजन होते रहते हैं, लेकिन ऑक्टेव 2016 इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। जब कभी अजमेर का सांस्कृतिक इतिहास लिया जाएगा तब ऑक्टेव 2016 और वीसी सोढानी का उल्लेख होगा। सब जानते हैं कि सोढानी के वीसी बनने के बाद से एमडीएस यूनिवर्सिटी में सक्रियता काफी बड़ी है। शिक्षक सुधार के साथ-साथ विद्यार्थियों को भी अनेक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है।

(एस.पी. मित्तल) (26-09-2016)
नोट- फोटोज मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
(www.spmittal.in) M-09829071511
www.facebook.com/SPMittalblog

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...