भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव की मौजूदगी में दो मंत्रियों का झगड़ा खुलकर सामने आया। =====================

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3 दिसम्बर को भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और राज्य सभा सांसद भूपेन्द्र सिंह यादव एक दिवसीय दौरे पर अजमेर आए। यादव ने अपने एक दिवसीय दौरे में अनेक कार्यक्रमों में भाग लिया। आमतौर पर यह माना जाता है कि जब कोई राष्ट्रीय स्तर का नेता आता है तो जिला स्तर के नेता आपसी विवाद भुलाकर एकता प्रदर्शित करते हैं। भले ही ऐसे नेताओं के मन में द्वेषता हो, लेकिन बड़े नेता के सामने विवाद को उजागर नहीं किया जाता है। लेकिन अजमेर के भाजपा नेता शायद किसी भी राष्ट्रीय नेता से डरते नहीं है, इसलिए 3 दिसम्बर को भूपेन्द्र यादव की मौजूदगी में अजमेर के दोनों विधायक और राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी तथा श्रीमती अनिता भदेल का झगड़ा खुलकर सामने आ गया। केसरगंज स्थित अरबन को-ऑपरेटिव बैंक के पीडि़त खातेदारों को चेक वितरण के समारोह में शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी को बोलने का अवसर ही नहीं दिया गया। जब देवनानी ने इस अपमानित होने वाली स्थिति को देखा तो मंच पर उपस्थित सहकारिता मंत्री अजय क्लिक से बोलने का अवसर देने का आग्रह किया। इस पर क्लिक ने बैंक के एमडी को इशारा किया और तब देवनानी बोलने के लिए खड़े हुए। देवनानी के खड़े होते ही श्रीमती भदेल भी खड़ी हों गई और बैंक अधिकारियों को निर्देश दिए कि चेक वितरण का काम शुरू करवा दिया जाए। श्रीमती भदेल का यह भी कहना था कि भूपेन्द्र यादव को उनके विधानसभा क्षेत्र के अन्य कार्यक्रमों में भाग लेना है इसलिए बहुत जल्दी है। असल में श्रीमती भदेल चेक वितरण का श्रेय देवनानी को देना नहीं चाहती थीं। जगहंसाई तो तब हुई जब देवनानी ने भी हालातों को भांपते हुए कहा कि मैं कोई भाषण नहीं दूंगा। मैं तो सिर्फ भूपेन्द्र सिंह यादव का आभार प्रकट करने आया हंू। यादव के प्रयासों से ही पीडि़त खातेदारों को आज चेक मिल रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि बैंक के परेशान खातेदारों को चेक मिलना अपने आप में महत्त्वपूर्ण काम है। लेकिन इन दोनों मंत्रियों के आपसी झगड़े की वजह से भाजपा और भूपेन्द्र यादव के प्रयासों पर पानी फिर गया। इस समारोह में जिला कलेक्टर गौरव गोयल की गैर मौजूदगी भी चकित करने वाली रही। यह माना कि दिल्ली में आरबीआई में यादव ने प्रभावी भूमिका निभाई, लेकिन अजमेर में परेशान खाताधारकों की सही रिपोर्ट तैयार करवाने में कलेक्टर गोयल की भूमि का बेहद सकारात्मक और प्रभावी थी।
अपने ही विभाग के समारोह में नहीं थे देवनानी:
3 दिसम्बर को देवनानी और भदेल का झगड़ा भगवान गंज स्थित राजकीय स्कूल के भवन के लोकार्पण समारोह में भी देखने को मिला। कायदे से यह समारोह शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित होना चाहिए था, लेकिन भदेल की वजह से इस कार्यक्रम को भाजपा के द्वारा आयोजित किया गया। भदेल के समर्थकों का कहना है कि नए भवन में सरकारी स्कूल न चले, इसके लिए देवनानी ने पूरा जोर लगाया। इसलिए अगस्त माह में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे स्कूल भवन का लोकार्पण नहीं कर सकीं। जब देवनानी का कोई योगदान ही नहीं है तो फिर उन्हें समारोह में क्यों बुलाया जाए ? असल में श्रीमती भदेल अपने दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में जितने भी काम करवाती हैं, उनके समारोह में देवनानी को नहीं बुलाती। इसी प्रकार देवनानी भी अपने उत्तर क्षेत्र में किसी भी कार्यक्रम में भदेल को नहीं बुलाते हैं। 3 दिसम्बर को स्वयं भूपेन्द्र यादव ने भी महसूस किया कि अजमेर में इन दोनों मंत्रियों के झगड़े का खामियाजा भाजपा को उठाना पड़ रहा है।
यादव से ले सकते हैं फायदा:
इसमें कोई दो राय नहीं कि केन्द्र सरकार में भूपेन्द्र यादव का दबदबा है। अजमेर के भाजपा नेता चाहें तो अजमेर की समस्याओं के समाधान में यादव के प्रभाव का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि अजमेर के नेता और भाजपा कार्यकर्ता उत्तर और दक्षिण में विभाजित हैं।
(एस.पी.मित्तल) (03-12-16)
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