तीसरे अजमेर लिटरेचर फेस्टिवल का आगाज 17 दिसम्बर से

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देशभर के ख्यातनाम साहित्यकार, कलाकार, पत्रकार व लेखक करेंगे शिरकत।शहर में तीसरे अजमेर लिटरेचर फेस्टिवल 2016 का उद्घाटन 17 दिसम्बर को प्रात: 10:15 बजे आदर्श नगर स्थित मुकुंद गार्डन में होगा। तीन दिन चलने वाले इस आयोजन में देशभर के अनेक ख्यातनाम साहित्यकार, कलाकार, पत्रकार व लेखक शामिल होंगे।
फेस्टिवल के संयोजक कवि रास बिहारी गौड ने बताया कि तीन दिवसीय इस आयोजन का उद्घाटन प्रात: 10:15 बजे सरस्वती वंदना के साथ होगा। कार्यक्रम स्थल पर बारादरी, गऊघाट व अढ़ाई दिन का झोंपड़ा नाम से तीन पांडाल तैयार किए गए है। अजमेर की ऐतिहासिक स्थलों के नाम पर इन पांडालों का नाम रखा गया है। तीनों पांडालों में समानांतर सत्रों में साहित्यिक सहित अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
उद्घाटन सत्र के बाद प्रात: 10:45 बजे से 12 बजे तक बारादरी पांडाल में साहित्य का सच विषय पर लीलाधार मंडलोई, मंगलेश डबराल, डॉ. शरद सिंह, अनूप सिंह चौधरी व रास बिहारी गौड अपने विचार रखेंगे। इसके समानांतर सत्र का आयोजन अढ़ाई दिन का झौंपड़ा पांडाल में किया जाएगा। इसमें पद्मश्री चन्द्र प्रकाश देवल, बिज्जी की कहानियों पर अपनी बात कहेंगे। इसके बाद दोपहर 12:15 बजे शुरू होने वाले द्वितीय सत्र में बारादरी पांडाल में दृश्य मीडिया का अदृश्य पक्ष पर नगमा सहर, वर्तिकानंदा व प्रियदर्शन श्रोताओं से रूबरू होंगे, वहीं गऊघाट पांडाल पर नव लेखन की चुनौती विषय पर अनुसिंह चौारी, यासीन अनवर, पंकज प्रसून्न व प्रांजल धर अपने विचार साझा करेंगे।
आयोजन के प्रथम दिन ही आयोजित तृतीय सत्र से पूर्व सर्वेश्वर दयाल द्वारा लिखित हवालात नाटक का मंचन किया जाएगा। इसके बाद बारादरी, गऊघाट व अढ़ाई दिन का झौंपड़ा तीनों पांडाल में समानांतर सत्रों का आयोजन होगा। बारादरी में डीएनए में गांधी जी विषय पर संदीप नाथ व रासबिहारी गौड होंगे तो गऊघाट पर शायरी सरहद से परे विषय पर यासीन अनवर, केसर खालिद, रंजीत चौहान व सुरेन्द्र चतुर्वेदी अपने कलाम पेश करेंगे तो तीसरी ओर अढ़ाई दिन का झौंपड़ा पांडाल में लाइव जिन्दगी विषयान्तर्गत पुस्तक वार्ता का आयोजन श्रोताओं के लिए विशेष आकर्षण होगा। सायं 3:45 बजे शुरू होने वाले प्रथम दिन के अंतिम सत्र में बारादरी व अढ़ाई दिन का झोंपड़ा पर कार्यक्रम होगा। बारादरी पांडाल में परदे में बंद आवाजे विषय पर नगमा सहर, अनुराधा मारवाह, रीमा माथुर, डॉ. शरद सिंह व मृदुला शुक्ला अपने विचारों को शृंखलाबद्ध करेंगे। वहीं अढ़ाई दिन का झोंपड़ा पांडाल कविता समय के लिए तैयार होगा। इसमें मंगलेश डबराल, सी.पी.देवल, सुरेन्द्र चतुर्वेदी, बख्शीश सिंह, मृदुला शुक्ला, गोपाल माथुर के साथ ही गोपाल गर्ग शब्दों की लयबद्धता श्रोताओं के समक्ष रखेंगे।
कार्यक्रम के दौरान सायं 6:30 बजे डीपीएस स्कूल में नृत्य नाटिका अहिल्या का प्रस्तुतिकरण अरूपा लाहिड़ी द्वारा किया जाएगा। 18 व 19 दिसम्बर को भी विभिन्न सत्रों में आयोजन किया जाएगा। तीन दिवसीय आयोजन का समापन 19 दिसम्बर को प्रात: 11:30 बजे होगा।
(एस.पी.मित्तल) (16-12-16)
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