महंत की मौत के शोक के बजाए, महंत के पद को हथियाने का जोश। पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर बना पुलिस छावनी। आईपीएस देव जख्मी।

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महंत की मौत के शोक के बजाए, महंत के पद को हथियाने का जोश। पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर बना पुलिस छावनी। आईपीएस देव जख्मी।
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12 जनवरी को पुष्कर के विश्वविख्यात ब्रह्मा मंदिर के दिवंगत महंत सोमपुरी को मंदिर परिसर में ही साधु परम्परा के अनुरूप दफन कर दिया गया। अब इस स्थान पर महंत की समाधि बनाई जाएगी। इसी के साथ 11 जनवरी से बंद पड़े मंदिर के पट भी श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खोल दिए गए हैं। मंदिर परिसर में धार्मिक रस्में भी शुरू हो गई है। लेकिन इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि जिस मंदिर परिसर में महंत की मौत के शोक का माहौल होना चाहिए, वहां महंत के पद को हथियाने का जोश और तिकड़में देखने को मिल रही हंै। 12 जनवरी को जिस समय महंत के शव को समाधि दी जा रही थी, उस वक्त भी सारा माहौल महंत के पद को हथियाने को लेकर बना हुआ था। समाधि से पहले मंदिर परिसर में महंत के पद को लेकर कोई बखेड़ा न हो, इसको लेकर प्रशासन ने जरूरत से ज्यादा सतर्कता बरती है। मंदिर के अंदर और बाहर बड़ी संख्या में पुलिस जवान तैनात किए गए। समाधि की रस्म के समय विभिन्न अखाड़ों से जुड़े साधु संतों को तो मंदिर के अंदर जाने दिया गया, लेकिन पुलिस ने इस बात पर नजर रखी कि महंत के पद को हथियाने वाले अंदर न जा सके। पुलिस और प्रशासन को अंदेशा था कि दिवगंत महंत सोमपुरी के भतीजे और मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी दिवलाल को जबरन महंत घोषित किया जा सकता है। महंत के पद के विवाद को देखते हुए दिवगंत सोमपुरी के रिश्तेदारों को भी धार्मिक दृष्टि से रस्में भी नहीं करने दी गई। पुलिस और प्रशासन ने तभी राहत की सांस ली, जब शव को समाधि दे दी गई।
महंत के पद पर दावे ही दावे
12 जनवरी को सोमपुरी की समाधि के समय महानिर्वाणी अखाड़े से जुड़े हरिद्वार के महंत यमुनापुरी, दिगंबर योगेन्द्र, ह्यदिगंबर अभयपुरी, बनारस के जूनागढ़ अखाड़े के अभयपुरी, पाली अखाड़े के पुखराज पुरी आदि साधु-संत उपस्थित रहे। चूंकि ब्रह्मा मंदिर के महंत का पद महानिर्वाणी अखाड़े से जुड़ा हुआ है, इसलिए इस अखाड़े के साधु-संत भी अपना दावा जता रहे हैं। पुष्कर के तीर्थ पुरोहित और स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पुष्कर से जुड़े किसी विद्वान को ही महंत बनाया जाए। इस समय मंदिर के पुजारी के तौर पर लक्ष्मीनारायण वशिष्ट काम कर रहे हैं जबकि पाराशर ट्रस्ट के संयोजक श्रवण पाराशर भी अपना हक जताते हैं। इसी प्रकार दिवंगत महंत सोमपुरी के भतीजे और मंदिर के ट्रस्टी दिवलाल भी अपना हक जता रहे हैं।
सेवादारों को बाहर निकाला
मंदिर परिसर में वर्षों से रह रहे सेवादारों को पुलिस अब जबरन बाहर निकाल रही है। सभी सेवादारों से कहा गया है कि वे जल्द से जल्द मंदिर परिसर को खाली कर दें। माना जा रहा है कि पुलिस ने ऐसी कार्यवाही सरकार के उच्च निदेंशों के तहत की है। चंूकि मंदिर ट्रस्ट राज्य सरकार के देवस्थान विभाग में रजिस्टर्ड है, इसलिए हो सकता है कि मंदिर का कामकाज अब देवस्थान विभाग की देखरेख में हो। सरकार मंदिर पर प्रशासक की भी नियुक्ति कर सकती है।
पालिका ने मंजूर कर रखा है अधिग्रहण का प्रस्ताव
पुष्कर नगरपालिका ने गत वर्ष अपनी साधारण सभा में ब्रह्मा मंदिर के अधिग्रहण प्रस्ताव मंजूर किया था। पालिका के अध्यक्ष कमल पाठक ने प्रस्ताव को राज्य सरकार के पास भी भेज दिया था। लेकिन बाद में हाईकोर्ट के आदेश से पालिका के प्रस्ताव पर रोक लग गई।
आईपीएस देव जख्मी
12 जनवरी को जब ब्यावर के सीईओ देवाशीष देव मोहंती (आईपीएस) मंदिर परिसर में सुरक्षा इंतजामों में जुटे हुए थे कि तभी मंदिर की सीढिय़ों से पैर फिसल जाने के कारण सिर में चोट आ गई। पुष्कर के अस्पताल में प्राथमिक इलाज किए जाने के बाद देव को अजमेर के लिए रेफर कर दिया गया।
(एस.पी.मित्तल) (12-01-17)
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