लॉ कॉलेजों को मान्यता भी मिली और बुजुर्गों की परेशानी पीएमओ तक भी पहुंची। ब्लॉग में लिखे का हुआ असर।

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मैं यह तो नहीं कहता कि मेरे द्वारा लिखे ब्लॉग की वजह से ही अजमेर सहित राजस्थान के 13 लॉ कॉलेजों में प्रथम वर्ष के प्रवेश के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की मान्यता मिली है। लेकिन यह सही है कि लॉ कॉलेजों की मान्यता को लेकर मैंने 8 जनवरी को एक ब्लॉग लिखा था। इस ब्लॉग में राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार की तीन वर्ष की उपलब्धियों के जश्न पर सवाल उठाते हुए लिखा गया कि जब प्रदेश के लॉ कॉलेजों को ही मान्यता नहीं मिली है तो फिर सरकार कौनसी उपलब्धियों का जश्न मना रही है? संभवत: मेरा यह ब्लॉग मुख्यमंत्री तक पहुंचा और 11 जनवरी को सीएम राजे ने जयपुर के एक समारोह में लॉ कॉलेजों को मान्यता मिलने की घोषणा की। अजमेर में लॉ कॉलेज की मान्यता के लिए आन्दोलन कर रहे छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष राजीव भारद्वाज बगरू 11 जनवरी को ही अपने साथियों के साथ मेरे दफ्तर आए और माला पहनाकर शुक्रिया अदा किया। भारद्वाज का कहना रहा कि मुख्यमंत्री तक आवाज पहुंचाने में मेरे ब्लॉग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।भारद्वाज के साथ छात्र नेता रचित कछावा, भंवरलाल चौधरी, अमित माथुर, तुषार गर्ग, नवनीत कसाना, पूर्व महानगर सहमंत्री सौरभ गौड, तरूण तुनवाल, पंकज सोनी, मनीष शर्मा, कशीष कच्छावा, हर्ष वर्मा, निर्मल कुमार आदि भी थे।
मेरे ब्लॉग पढऩे वाले पाठकों को याद होगा कि गत 26 दिसंबर को मैंने बुजुर्ग पेंशनरों की परेशानियों को लेकर भी एक ब्लॉग लिखा था। इसमें बताया गया कि बुजुर्गों को अपना लाइफ सर्टिफिकेट देने के लिए अब केन्द्रीय श्रम मंत्रालय से जुड़े ईपीएफ के दफ्तरों में जाना पड़ रहा है। जिन बुजुर्गों के हाथ के निशान आधार कार्ड से मेल नहीं खा रहे हैं, उनकी पेंशन खतरे में पड़ गई है। मेरा यह ब्लॉग भी प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचा। मुझे संतोष है कि ब्लॉग को पीएमओ ने केन्द्रीय श्रम मंत्रालय में आवश्यक कार्यवाही के लिए भेज दिया। पीएमओ का पत्र मिलते ही मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने मुझसे सम्पर्क किया और इस तथ्य को स्वीकारा कि जिन बुजुर्गों के हाथ के निशान आधार कार्ड से मेल नहीं खा रहे हैं, उनकी पेंशन जारी रखने का अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि जिन बुजुर्गों ने अपने दस्तावेज ईपीएफ दफ्तरों में जमा करा दिए हैं, उनकी पेंशन के बारे में जल्द निर्णय ले लिया जाएगा। सरकार ने फर्जी पेंशन बंद करने के लिए आधार कार्ड से जोडऩे का काम किया है। सरकार की मंशा किसी भी बुजुर्ग को परेशान करने की नहीं है।
मैं अपने पाठकों को बताना चाहता हूं कि आप सभी के सहयोग की वजह से ही मेरे ब्लॉग की चर्चा अजमेर और राजस्थान के साथ-साथ देश भर में होने लगी है। मेरे चार मोबाइल फोनों से कोई 2 हजार वाट्सएप ग्रुप जुड़े हुए हैं। एक ग्रुप में 150 से लेकर 200 तक पाठक है। इसके अलावा मेरे ब्लॉग स्पॉट पर करीब एक लाख पाठक हैं। साथ ही वेबसाइट, मोबाइल एप, फेसबुक अकाउंट, फेसबुक पेज आदि से भी लाखों पाठक जुड़े हुए हैं। इसके अलावा पसंदीदा ब्लॉग बड़े पैमाने पर वायरल होता है। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि मुझे पाठकों का सहयोग इसी प्रकार मिलता रहे।
(एस.पी.मित्तल) (12-01-17)
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