ब्रह्मा मंदिर के महंत का मामला अब अदालत में जाएगा। फिलहाल पुलिस के कब्जे में है मंदिर परिसर।

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ब्रह्मा मंदिर के महंत का मामला अब अदालत में जाएगा। फिलहाल पुलिस के कब्जे में है मंदिर परिसर।
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13 जनवरी को भी अजमेर प्रशासन और पुष्कर के विश्व विख्यात ब्रह्मा मंदिर के ट्रस्टियों के बीच कोई समझौता नहीं हो सका। मंदिर के महंत सोमपुरी की 11 जनवरी को सड़क दुर्घटना में मौत के बाद से ही ट्रस्ट और प्रशासन आमने-सामने हैं। मंदिर ट्रस्ट के 10 में से 8 ट्रस्टियों ने बैठक कर दिवंगत महंत सोमपुरी के भतीजे और ट्रस्टी दिवलाल को नया महंत घोषित किया, लेकिन प्रशासन ने ट्रस्ट के इस फैसले को मानने से इंकार कर दिया। हालांकि ब्रह्मा मंदिर का ट्रस्ट देवास्थान विभाग में पंजीकृत है और ट्रस्ट में विभाग के नियमों के अनुरूप ही नए महंंंत का चयन किया है। लेकिन ट्रस्ट के किसी भी सदस्य को मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। मंदिर की सारी कमान पुष्कर थाने के सीआई दुलीचंद ने संभाल रखी है। दिवंगत महंत के कक्ष में पहले ही ताला लगा दिया गया था और अब रात को मंदिर बंद करने का काम भी सीआई दुलीचंद ही कर रहे हैं। मंदिर के मुख्य द्वार की चाबी भी सीआई अपने घर ले जाते हैंं। सीआई ने ट्रस्ट के सभी सदस्यों को चेताया है कि यदि मंदिर परिसर में जबरन घुसने का प्रयास किया तो मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा। यही वजह है कि ट्रस्ट द्वारा घोषित दिवलाल मंदिर के बहार भी खड़े होने से डर रहे हैं। देखा जाए तो सीआई दुलीचंद ही मंदिर के महंत की भूमिका निभा रहे हैं। चूंकि दलीचंद के पास कानून का डंडा भी है, इसलिए पुलिसिया महंत के सामने किसी के भी बोलने की हिम्मत नहीं है।
अदालत जाएंगे: मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी अरुण पाराशर ने कहा है कि जिस तरह से पुलिस ने हमारे मंदिर पर कब्जा किया है, उसके विरोध में अब अदालत की शरण ली जाएगी। पुलिस को कोई वैधानिक अधिकार नहीं है कि वह ट्रस्टियों को मंदिर में जाने से रोके। पाराशर ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि दिवंगत महंत सोमपुरी के लिए धार्मिक रस्में भी मंदिर परिसर में नहीं हो पा रही हैं। पाराशर ने प्रदेश की सीएम वसुंधरा राजे से अपील की है कि वे मंदिर परिसर से पुलिस का कब्जा हटवाएं और मंदिर का संचालन ट्रस्ट के नियमों के अनुरूप होने दें। पाराशर ने कहा कि मंदिर में पुलिस के दखल की वजह से श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंच रही है।
संतों ने दी आंदोलन की धमकी
13 जनवरी को पुष्कर में महानिर्वाणी अखाड़े से जुड़े साधु-संतों की बैठक हुई। इस बैठक में अखाड़े से जुड़े साधु-संतों ने धमकी दी कि यदि सरकार ने मंदिर का अधिग्रहण किया तो देशभर में साधु-संत आंदोलन करेंगे। इतना ही नहीं हाल ही में होने वाले पांच राज्यों में भी भाजपा के खिलाफ प्रचार किया जाएगा। इस बैठक में कहा गया कि ब्रह्मा मंदिर के महंत का पद हमारे अखाड़े से संबंधित है। इसलिए हमारे अखाड़े से ही किसी संत को महंत का पद मिलना चाहिए। बैठक में सुरेश पुरी ने बैठक का बहिष्कार किया। सुरेश पुरी का कहना था कि महानिर्वाणी अखाड़ा उन्हें महंत घोषित करें।
मंदिर में होने हैं 8 करोड़ के काम:
ब्रह्मा मंदिर के परिसर में केन्द्र सरकार की प्रसाद योजना के अंतर्गत 8 करोड़ रुपए के काम होने हैं। प्रशासन का मानना है कि महंत के पद को लेकर महानिर्वाणी अखाड़े के साधु-संतों और ट्रस्टियों के बीच जो खींचतान हो रही है, उससे मंदिर के विकास कार्य प्रभावित होंगे। ऐसे में सरकार भी चाहती है कि मंदिर पर प्रशासक नियुक्त कर दिया जाए। वर्तमान में सभी कवायद प्रशासक नियुक्त करने के लिए ही हो रही है।
एस.पी.मित्तल) (13-01-17)
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