जल्लीकट्टू पर रोक के बजाए बंद हों कसाई खाने। आंदोलनकारियों को मिला आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर का समर्थन। ======

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चेन्नई में मरीना बीच पर जमे हजारों आंदोलनकारियों को आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता और आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर का भी समर्थन मिल गया है। 19 जनवरी को श्रीश्री ने कहा कि तमिलनाडु में जल्लीकट्टू की पंरपरा पर रोक लगाने के बजाए देश में चल रहे कसाई खाने को बंद करना चाहिए। श्रीश्री ने कहा कि जल्लीकट्टू कोई सामाजिक बुराई नहीं है, बल्कि यह तमिल संस्कृति से जुड़ी परंपरा है। किसी को भी किसी समुदाय की संस्कृति में दखल देने का अधिकार नहीं है। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में होने वाली जल्लीकट्टू परंपरा पर रोक लगा दी है। कोर्ट का मानना है कि यह आम आदमी के जीवन को खतरा है। कोर्ट के इस फैसले के विरोध में ही चेन्नई में समुद्र के किनारे हजारों लोग डेरा जमाए हैं। आंदोलन के दौरान ही 19 जनवरी को ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेलवम ने दिल्ली में पीएम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की है। मोदी ने भरोसा दिलाया है कि केन्द्रीय टीम जल्द ही तमिलनाडु का दौरा कर हालातों का पता लगाएगी। मुख्यमंत्री का कहना रहा कि विरोध ने अब जन आंदोलन का रूप ले लिया है।
(एस.पी.मित्तल) (19-01-17)
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