ब्रह्मा मंदिर की प्रतिष्ठा का ख्याल रखा जाए। किसी व्यक्ति के कारनामों का मंदिर पर न लगे दाग।

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पुष्कर का विश्वविख्यात ब्रह्मा मंदिर इन दिनों सुर्खियों में है। दिवंगत महंत सोमपुरी के कारनामों की वजह से आए दिन मंदिर को लेकर मीडिया में खबरें आ रही हैं। सब जानते हैं कि हिन्दू संस्कृति में ब्रह्मा जी को सृष्टि का रचियता माना गया है। मंदिर में ब्रह्मा जी की ही प्रतिमा लगी हुई है। ब्रह्मा जी को देवो का देव माना गया है। ऐसे में करोड़ों हिन्दुओं की आस्था इस मंदिर से जुड़ी हुई है। आस्था का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब तक पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर के दर्शन नहीं हो, तब तक धार्मिक यात्रा को पूरा नहीं माना जाता।
इसलिए पुष्कर को तीर्थ गुरु का दर्जा दिया गया है। जो लोग पवित्र सरोवर में स्नान कर कष्टों से मुक्ति पाते हैं, उस सरोवर की उत्पत्ति भी ब्रह्मा जी ने ही की थी। जिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की, आज उन्हीं ब्रह्मा जी के मंदिर पर अंगुली उठ रही है। ऐसे में सबसे पहले पुष्कर के तीर्थ पुरोहितों की यह जिम्मेदारी है कि वह ब्रह्मा मंदिर की प्रतिष्ठा को बनाए रखें। पिछले दो तीन वर्षों में मंदिर परिसर में जो कुछ भी हुआ उसकी जिम्मेदारी प्रतिमा की नही है। यदि मंदिर परिसर में मौजूद कुछ व्यक्ति अपने स्वार्थों के खातिर धर्म के विरुद्ध आचरण करें तो इसका दोष किसी संस्कृति को नहीं दिया जा सकता। ब्रह्मा जी ने तो इस पृथ्वी पर एक सुंदर सृष्टि की रचना की थी, लेकिन आज हम सब यह जानते हैं कि इस पृथ्वी पर कैसे कैसे दानव आकर बैठ गए हैं। जब पृथ्वी का इतना बुरा हाल है तो फिर ब्रह्मा जी का मंदिर भी कैसे अछूता रह सकता है। अब इस मंदिर की प्रतिष्ठा को बचाने की जिम्मेदारी हमारी संस्कृति से जुड़े लोगों की ही है। यह माना कि अजमेर के जिला कलेक्टर गौरव गोयल की अध्यक्षता वाली प्रबंध कमेटी मंदिर के कामकाज में सुधार का काम कर रही है, लेकिन इस कमेटी की भी यह जिम्मेदारी है कि मंदिर की नकारात्मक छवि नहीं बने। आखिर इस मंदिर से करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है। इसे ब्रह्मा जी का चमत्कार ही माना जाना चाहिए कि जिन लोगों ने मंदिर के अंदर बैठकर धर्म विरोधी काम किया, वो सड़क पर बेमौत मारे गए। अब यदि श्रद्धालुओं के चढ़ावे में से किसी ने बेईमानी की है तो उसे भी पुष्कर में ही अपने कर्मो के फल भुगतने होंगे। पुष्कर के लोग सब जानते हैं कि किन किन ने अपने घर भरे हैं। ऐसे लोगों की कितनी बुरी गत होती है, यह आने वाले दिनों में देखने को मिल जाएगा। मंदिर में कोई श्रद्धालु एक रुपया भी बड़ी आस्था के साथ चढ़ाता है, लेकिन यदि उसके एक रुपए की दुगर्ति हुई है तो दुर्गति करने वालों को ब्रह्मा जी कभी भी माफ नहीं करेंगे। जिस प्रकार रेजगारी से भरे कट्टों को चूहों ने कुतर दिया, उसी प्रकार जिम्मेदार लोगों के जीवन को चूहे ही कुतरेंगे। कलेक्टर गौरव गोयल को भी चाहिए कि अब वे किसी भी नकारात्मक प्रचार से बचे और करोड़ों लोगों की आस्था के अनुरूप विश्वविख्यात ब्रह्मा मंदिर की प्रतिष्ठा को बढ़ाए। जहां तक महंत की गद्दी पर दावा करने वालों का सवाल है तो उनकी भी यह जिम्मेदारी है कि वे पहले स्वयं को मंदिर की प्रतिष्ठा के अनुरूप बनाएं।
एस.पी.मित्तल) (04-02-17)
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