पाकिस्तान के खिलाफ अमरीका के सख्त रवैए से क्या भारत सबक ले सकता है?

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पाकिस्तान के खिलाफ अमरीका के सख्त रवैए से क्या भारत सबक ले सकता है?
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पाकिस्तानी संसद के डिप्टी चेयरमैन मौलाना अब्दुल गफूर हैदरी को अमरीका द्वारा वीजा नहीं दिए जाने से पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है। पाकिस्तान में बैठे आतंकियों ने इन दिनों अमरीका में कोई वारदात भी नहीं करवाई है। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पाकिस्तान के आतंकवादी दुपके पड़े हैं। लेकिन फिर भी पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए हैदरी को अमरीका आने से रोक दिया गया है। अमरीका के इस रवैए से नाराज होकर पाकिस्तान की संसद के चेयरमैन रजा रब्बानी ने फरमान जारी किया है कि अब किसी भी अमरीकी का संसद में सम्मान नहीं होगा। हैदरी को वीजा नहीं दिए जाने पर पाकिस्तान चाहे कितनी भी नाराजगी दिखाए, लेकिन सब जानते हैं कि पाकिस्तान में बैठे हाफिज सईद, मसूद अजहर, दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकी भारत में आए दिन आतंकवादी वारदातें करवाते हैं। भारत सरकार भी आए दिन यही कहती है कि देश में आतंकी वारदातों में पाकिस्तान का हाथ है। अभी हाल ही में रेल पटरियों में तोड़-फोड़ में भी पाकिस्तान की बदनाम खुफिया एजेंसी आईएसआई की भूमिका सामने आई है। सवाल उठता है कि क्या भारत पाकिस्तानियों के आने पर रोक नहीं लगा सकता? यह माना कि भारत और अमरीका की परिस्थितियों में बहुत फर्क है। अमरीका ने भी आम पाकिस्तानियों के आने पर कोई रोक नहीं लगाई है, लेकिन हैदरी को वीजा नहीं देकर अमरीका ने पाकिस्तान को सबक जरूर दिया है। भारत भी ऐसा ही कोई कदम उठाकर पाकिस्तान को सबक सिखा सकता है। यह बात अलग है कि भारत के ऐसा करने पर देश के अंदर बैठे पाकिस्तान के हिमायतियों को परेशानी होगी। एक ओर आईएसआई भारत में रेल पटरियां उखाड़ कर सैंकड़ों यात्रियों को मौत के घाट उतार रही है तो दूसरी ओर पाकिस्तान के अनेक कलाकार भारत में आकर करोड़ों रुपया कमा रहे हैं। भारत सरकार में इतनी हिम्मत नहीं कि पैसा कमाने वालों को तो रोक सके।
एस.पी.मित्तल) (13-02-17)
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