केरल की हिंसा के विरोध में जनआक्रोश रैली में उमड़ा सैलाब

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केरल की हिंसा के विरोध में जनआक्रोश रैली में उमड़ा सैलाब
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केरल में वामपंथी सरकार के संरक्षण में हो रही हिंसा के विरोध में 3 मार्च को शहर के विभिन्न मार्गों से जो जन आक्रोश रैली निकाली गई। उसमें जन सैलाब उमड़ पड़ा। जनाधिकार बचाओ मंच की आम सभा के बाद नया बाजार चौपड़ से ही जन आक्रोश रैली शुरू की गई। यह रैली आगरा गेट चौराहे से होते हुए पीआर मार्ग, नगर निगम कार्यालय, चूड़ी बाजार, गोल प्याऊ होते हुए पुन: नया बाजार चौपड़ पर समाप्त हुई। इस रैली में शहर वासियों की जबरदस्त भागीदारी रही। रैली जिस मार्ग से गुजरी उस मार्ग के दोनों ओर खड़े लोगों ने उत्साहवर्धन किया। रैली में शामिल हजारों लोगों की उपस्थिति बता रही थी कि केरल में जो हिंसा हो रही है, उसको लेकर अजमेर तक में गुस्सा है। रैली में शामिल लोगों के हाथों में नारे लिखी तख्तियां और बैनर भी थे। इन तख्तियों पर केरल सरकार को बर्खास्त करने, हिंसा को रोकने, आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने आदि का उल्लेख किया गया। रैली में देशभक्ति को लेकर नारे भी लगाए गए।
बर्खास्तगी को लेकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन:
आम सभा और रैली से पूर्व जनाधिकार बचाओ मंच के एक प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त कलेक्टर अबू सूफीयान को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन दिया। इस ज्ञापन में केरल की हिंसक घटनाओं का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति से मांग की गई कि केरल की वामपंथी सरकार को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाए। ज्ञापन में आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री पी.विजयन के नेतृत्व वाली सरकार आम लोगों को संरक्षण देने में पूरी तरह विफल है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और राष्ट्रवादी विचारधारा वाले कार्यकर्ताओं की लगातार हत्याएं हो रही है। 2 मार्च की रात को ही संघ के कार्यालय में बम फेंका गया। जिसमें चार कार्यकर्ता जख्मी हो गए। ज्ञापन में आरोप लगाया कि केरल की पुलिस पीडि़तों की मदद करने की बजाए उन्हीं पर झूठे मुकदमे दर्ज कर रही है। सरकारी संरक्षण में हो रही हिंसा की वजह से केरल में आम लोगों का जीवन दुभर हो गया है। अभी तक संघ और राष्ट्रवादी विचारधारा के दस से भी ज्यादा कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है इसमें एक महिला भी है। दंगाईयों के विरुद्ध मामला दर्ज करने के बजाए निर्दोष नागरिकों को ही परेशान किया जा रहा है। ज्ञापन में कहा गया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने का काम संबंधित राज्य सरकार का है। लेकिन केरल में निर्वाचित सरकार इसमें पूरी तरह विफल हो रही है। ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि जो लोग राजनीतिक हिंसा के शिकार हुए हैं, उनके परिवारों को पुनर्वास किया जाए और मुआवजा दिलवाया जाए। अतिरिक्त कलेक्टर सूफीयान ने प्रतिनिधि मंडल को भरोसा दिलाया कि ज्ञापन को राष्ट्रपति तक पहुंचा दिया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में मंच के संयोजक अजय दनगसिया, संयोजक जगदीश सिंह राणा, एस.पी.मित्तल, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के महानगर संघचालक सुनीत दत्त जैन, मेयर धर्मेन्द्र गहलोत, निरंजन शर्मा व भाजपा के शहर जिला अध्यक्ष अरविंद यादव आदि शामिल थे।
इन संस्थाओं का रहा सहयोग:
3 मार्च को नया बाजार चौपड़ पर हुई जनसभा और फिर निकली जनाक्रोश रैली को सफल बनाने में विश्व हिन्दू परिषद के शशि प्रकाश इंदौरिया, लेखराज सिंह राठौड़, हिन्दू जागरण मंच के सुभाष गहलोत, पुनित बंसल, भारतीय मजदूर संघ के भोलानाथ आचार्य, विनित जैन, मूल सिंह, सिंधु सभा के महेन्द्र तीर्थांनी, मोहन तुलसियानी, मोहन कोटवानी, विद्यार्थी परिषद के जिनेश जैन, सिक्ख संगत के अमर सिंह लबाना, स्वदेशी जागरण मंच के अरुण अरोड़ा, पंकज जैन, दिलीप सिंह, संस्कार भारतीय के सुरेश बबलानी, विद्या भारती के सुरेन्द्र अरोड़ा, रामप्रकाश बंसल, ग्राहक पंचायत के राधेश्याम अग्रवाल, भारतीय शिक्षक संघ के कैलाश कच्छावा, विष्णु सिंह राठौड़, सेवा भारती के रामचरण प्रदीप शर्मा, भाजपा के अरविंद यादव, रमेश सोनी, सहकार भारती के अमृत अग्रवाल, सम्मान सिंह राठौड़, पूर्व सैनिक परिषद के कृष्ण मुरारी, भारत विकास परिषद के भारत भूषण बंसल, संदीप गोयल, रुक्टा राष्ट्रीय के सुशील बिस्सु, एनएमओ के डॉ. राजेश खत्री, अधिवक्ता परिषद के अशोक अग्रवाल, अशोक तेजवानी, बसंत विजयवर्गीय, विज्ञान भारती के गोविंद नारायण पारीक, इतिहास संकलन के नवल किशोर उपाध्यायय, हरीश बेरी, सक्षम के भारतेश मंगल, शिक्षण मंडल के देवेन्द्र सिंह राजावत, क्रीड़ा भारती के अतुल दुबे, लघु उद्योग भारती के सुमित हेड़ा, राष्ट्र सेविका समिति की लीलामणि आदि का सक्रिय सहयोग रहा।
एस.पी.मित्तल) (03-03-17)
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