जब पैर तोडऩे वाला ही नहीं पकड़ा गया तो अब मंत्री देवनानी को धमकी देने वाला कैसे पकड़ा जाएगा।
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अजमेर उत्तर क्षेत्र से भाजपा के विधायक और प्रदेश के स्कूली शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी ने अजमेर पुलिस को एक बार फिर मुसीबत में डाल दिया है। देवनानी ने अजमेर के एसपी डॉ. नितिन दीप ब्लग्गन को दरगाह के कथित खादिम तरन्नुम चिश्ती का एक धमकी भरा पत्र भिजवाया है। चिश्ती ने अजमेर के अकबर के किले का नाम बदलने को लेकर देवनानी को धमकी दी है। बिना हस्ताक्षर कम्प्यूटर टाइप वाला यह पत्र देवनानी को डाक से अजमेर के निवास पर मिला है। सवाल उठता है कि जब अजमेर पुलिस आज तक भी उस व्यक्ति को नहीं पकड़ सकी है, जिसने गत वर्ष एक दुर्घटना में मंत्री देवनानी के पैर की हड्डी तोड़ दी थी। तब तो देवनानी सुरक्षा कर्मियों के साथ सड़क पार कर रहे थे और सुरक्षा कर्मियों ने वाहन के बारे में भी थोड़ी बहुत जानकारी भी पुलिस को दे दी थी। पैर की चोट इतनी बड़ी थी कि देवनानी को कोई पांच महीने तक आराम करना पड़ा। देवनानी ने पुलिस से कहा कि कम से कम आरोपी की पहचान तो की जाए। ताकि उसके इरादे के बारे में जानकारी हो सके। लेकिन अजमेर पुलिस ने देवनानी के आग्रह को भी गंभीरता से नहीं लिया। जब पुलिस पैर तोडऩे वाले को ही गिरफ्तार नहीं कर सकी है तो फिर धमकी देने वाला कैसे पकड़ा जाएगा। धमकी देने वाले को पकडऩा तो और भी मुश्किल है। क्योंकि तरन्नुम नाम महिला का भी होता है। यानि धमकी देने वाले ने अपना नाम भी सही नहीं लिखा है। खादिम शब्द का इस्तेमाल कर आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने वाला काम किया है। अब देखना है कि देवनानी की इस नई मुसिबत से पुलिस कैसे निपटती है।
(एस.पी.मित्तल) (03-03-17)
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