संसद में भी दिखा नवसंवत्सर का उल्लास। लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर को देखने का अवसर मिला।

#2399
IMG_8123
=======================
मेरे पत्रकारिता के कोई 38 वर्ष के कार्यकाल में 28 मार्च का दिन ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण रहा। इस दिन जब देश के लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर यानि संसद भवन में हमारी सनातन संस्कृति के नवसंवत्सर का उल्लास था, तब मैं भी संसद भवन में उपस्थित रहा। मुझे बताया गया कि संसद के इतिहास में संभवत: यह पहला अवसर है, जब सांसदों ने मिलकर नवसंवत्सर का पर्व मनाया। लोकसभा की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की ओर से नवसंवत्सर के मौके पर सांसदों के लिए सामूहिक भोज का आयोजन किया गया। यानि संपूर्ण संसद भवन का माहौल भारतीय संस्कृति के रंग में रंगा हुआ था। इतने बड़े मौके पर संसद भवन में मेरी उपस्थिति करवाने के लिए मैं राजस्थान से राज्यसभा के सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र सिंह यादव का आभारी हूं। यादव ने संसद भवन में मुझे कई केन्द्रीय मंत्रियों से मिलवाया और मेरे ब्लॉग लेखन की प्रशंसा की। मैंने देखा कि यादव का राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों में मान-सम्मान है। अनेक सदस्य विभिन्न मुद्दों पर यादव से राय ले रहे थे। राय लेने वालों में विपक्ष के सदस्य भी शामिल थे। चूंकि यादव अनेक संसदीय समितियों के अध्यक्ष और सदस्य है। इसलिए हर विषय पर उनकी अच्छी पकड़ है। केन्द्रीय मंत्री भी यादव के प्रति आदरभाव रखते हैं। मैंने देखा कि चुनाव के समय जो नेता एक-दूसरे के कपड़े फाडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ते, वही नेता संसद के अंदर आत्मीयता के साथ मिलते हैं। मुझे देश के दिग्गज नेताओं को नजदीक से देखने का अवसर भी मिला। मायावती, दिग्विजय सिंह, राजीव शुक्ला, प्रकाश जावेड़कर, शरद यादव, गुलाम नबी आजाद, रेणुका चौधरी, जया बच्चन, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ आदि को भी देखने और समझने का अवसर मिला। मैंने देखा कि देश के शीर्ष नेता संसद भवन में सवा सौ करोड़ देशवासियों में ही शामिल थे। यह बात अलग है कि संसद के बाहर पिं्रट और इलैक्ट्रोनिक मीडिया के प्रतिनिधि ऐसे नेताओं का महिमा मंडन करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे।
सालेचा से भी मुलाकात :
28 मार्च को दिल्ली प्रवास के दौरान मैंने अजमेर में डीआरएम रहे नरेश सालेचा से भी मुलाकात की। सालेचा इस समय रेलवे बोर्ड में लेखा सुधार के निदेशक हैं। केन्द्रीय रेलवे मंत्री सुरेश प्रभु के भरोसेमंद होने की वजह से ही सालेचा को विगत दिनों ही फ्रेट कोरीडोर (डीएफसीसी) के प्रोजेक्ट का निदेशक (वित्त) का अतिरिक्त कार्य सौंपा गया है। यानि देश के रेल विभाग में लेखा कार्य में सालेचा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सालेचा ने बताया कि फ्रेट कोरीडोर शुरू होने के बाद माल को इधर से उधर ले जाने में क्रान्तिकारी बदलाव आएंगे। सालेचा ने मेरे प्रति जो आत्मीयता दिखाई उसके लिए मैं आभारी हंू।
(एस.पी.मित्तल) (29-03-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...