स्वर्ण मंदिर के प्रतिनिधि मंडल के सामने नसीराबाद पुलिस की पोल खुली। सिक्ख सेवादारों की पिटाई के मामले ने तूल पकड़ा। =========

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स्वर्ण मंदिर के प्रतिनिधि मंडल के सामने नसीराबाद पुलिस की पोल खुली। सिक्ख सेवादारों की पिटाई के मामले ने तूल पकड़ा।
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अजमेर जिले के नसीराबाद क्षेत्र के चाट चैनपुरा गांव में गत 24 अप्रेल को 4 सिक्ख सेवादारों की बेरहमी से पिटाई के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। 30 मई को अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर की शिरोमणी गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी के एक प्रतिनिधि मंडल ने अजमेर और नसीराबाद का दौरा किया। इस प्रतिनिधि मंडल ने गंगानगर स्थित सिक्ख एडवाइजरी कमेटी के कन्वीनर तेजेन्द्र पाल सिंह टम्टा, अमृतसर के विजयपाल सिंह, प्रो. हरप्रीत सिंह, गजेन्द्र सिंह, अजमेर के जसबीर सिंह कोचर आदि शामिल थे। प्रतिनिधि मंडल ने रेन्ज की आईजी श्रीमती मालिनी अग्रवाल से मुलाकात कर सिक्ख सेवादारों की बेरहमी से पिटाई पर नाराजगी जताई। सिक्ख प्रतिनिधियों ने नसीराबाद थाने के सीआई लक्ष्मण राम चौधरी की लापरवाही का मामला भी उठाया है। चौधरी ने स्वयं माना है कि 24 अप्रेल के दिन घटना की जानकारी मिलते ही वे स्वयं भी चाट चैनपुरा गांव पहुंचे थे। लेकिन इसके बावजूद भी सीआई ने लहूलुहान सिक्ख सेवादारों को ही शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। प्रतिनिधि मंडल ने मांग की कि इस मामले में जो भी पुलिस अधिकारी और कर्मचारी दोषी है, उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। प्रतिनिधि मंडल ने इस बात पर संतोष जताया कि पुलिस ने घटना के एक माह बाद 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन साथ ही इस बात पर अफसोस जताया कि पुलिस को घटना की जानकारी होने में एक माह का समय लग गया। आईजी श्रीमती मालिनी अग्रवाल ने भरोसा दिलाया कि दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।
सीआई और डीएसपी नहीं दे सके जवाब :
शिरोमणी गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रतिनिधि मंडल ने 30 मई को नसीराबाद पहुंचकर डीएसपी जगदीश राव और सीआई लक्ष्मणराम चौधरी से भी मुलाकात की। प्रतिनिधियों ने सवाल किया कि जब सिक्ख सेवादारों को लहूलुहान अवस्था में थाने पर लाया गया तो फिर पुलिस ने उन्हीं को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार क्यों किया? इस सवाल का पुलिस के अधिकारी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। दोनों अधिकारियों ने अब तक हुई कार्यवाही के बारे में प्रतिनिधि मंडल को जानकारी दी।
एसपी का सकारात्मक रूख :
29 मई की रात्रि को प्रतिनिधि मंडल ने अजमेर के सिविल लाईन पुलिस स्टेशन पर एसपी राजेन्द्र सिंह चौधरी से मुलाकात की। चौधरी का कहना रहा कि 24 अप्रेल को जब यह घटना हुई तब वे अजमेर के एसपी नहीं थे। लेकिन विगत दिनों जब पिटाई का वीडियो सामने आया तो उन्होंने तत्काल कार्यवाही की। चौधरी ने बताया कि पुलिस की लापरवाही की जांच अलग से करवाई जा रही है। पुलिस परामर्श केन्द्र के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पूरण सिंह भाटी जांच का काम कर रहे हैं। चौधरी ने भाटी को योग्य और काबिल अफसर बताते हुए कहा कि जांच में जो भी अधिकारी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी। चौधरी ने सिक्ख सेवादारों की पिटाई के मामले को गंभीर मानते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने भी जानकारी ली है। साथ ही 2 जून को घटनाक्रम पर एक विस्तृत रिपोर्ट राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जसबीर सिंह के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।
देश भर के सिक्खों में है नाराजगी :
प्रतिनिधि मंडल में शामिल गंगानगर के सिक्ख एडवाइजरी कमेटी के कन्वीनर तजेन्द्रपाल सिंह टम्टा ने बताया कि सिक्ख सेवादारों की पिटाई के मामले से देशभर के सिक्ख समाज में नाराजगी है। राजस्थान की सरकार को इस मामले में गंभीरता दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अजमेर दौरे की रिपोर्ट स्वर्ण मंदिर स्थित शिरोमणी गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी में प्रस्तुत की जाएगी। आवश्यकता हुई तो इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात की जाएगी। हालांकि इस मामले से राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे को भी अवगत करा दिया गया है।
(एस.पी.मित्तल) (30-05-17)
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