आखिर शहर में दिन-दहाड़े क्यों दौड़ते हैं ट्रेक्टर ट्रॉली? सर्वज्ञ की मौत से कुछ तो सबक ले अजमेर प्रशासन और पुलिस। =======================

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18 जून को मेरे मित्र गिरीश बाशानी का फोन आया। गिरीश ने सीधा सपाट सवाल किया कि जब अजमेर के कलेक्टर गौरव गोयल और पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह चौधरी ईमानदार हैं तो फिर शहर में दिन-दहाड़े अवैध रूप से सड़कों पर ट्रेक्टर ट्रॉली क्यों दौड़ते हैं? यह अच्छी बात है कि आमजन में एसपी और कलेक्टर की ईमेज ईमानदारी वाली है। यानि कलेक्टर अपने अधिनस्थों से और एसपी थानाधिकारी से न तो कोई बेगार लेते हैं और न ही मंथली आदि का हिसाब। सही भी है जब कलेक्टर-एसपी ईमानदार हैं तो फिर दिन-दहाड़े ट्रेक्टर ट्रॉली सड़कों पर नहीं दौडऩे चाहिए। 17 जून को कलेक्टर, एसपी ने देखा कि भाजपा के पार्षद और मांगीलाल एंड सन्स के मालिक अनिश मोयल के 8 वर्षीय पुत्र सर्वज्ञ की दर्दनाक मौत ट्रेक्टर की ट्रॉली से कुचलकर हो गई। सर्वज्ञ की मौत से प्रशासन और पुलिस को कुछ तो सबक लेना ही चाहिए। आम नागरिक आए दिन ट्रेक्टर ट्राली की दुर्घटना का शिकार होता है, लेकिन आम आदमी की मौत अथवा जख्मी होने को कोई भी गंभीरता से नहीं लेता। अब तो सत्तारूढ़ पार्टी के प्रभावशाली नेता के पुत्र की भी मौत हो गई है। प्रशासन और पुलिस अब और किसकी मौत का इंतजार कर रहा है? भाई गिरीश के सवाल का जवाब मुझे नहीं, बल्कि अजमेर के कलेक्टर और एसपी को देना है।
प्रशासन ने ही दे रखी है अनुमति :
18 जून को ही मेरे सामने एक और चौकाने वाला तथ्य आया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मुझे जिला प्रशासन का एक आदेश दिखाया। इस आदेश में 7 ट्रेक्टरों के नंबर लिखे हुए थे। प्रशासन के आदेश में कहा गया कि इन ट्रेक्टरों को दिन-दहाड़े दौडऩे से न रोका जाए। पुलिस अधिकारी का कहना रहा कि अब पुलिस क्या कर सकती है। पुलिस का भी मानना है कि प्रशासन का यह आदेश सरासर गैर कानूनी है क्योंकि किसी भी कानून और नियमों के अन्तर्गत शहर की सड़कों पर ट्रेक्टर ट्रॉली के संचालन के आदेश नहीं दिए जा सकते। इस संबंध में प्रशासन का कहना रहा कि स्मार्ट सिटी के काम जल्द हों इसलिए ट्रेक्टर ट्रॉली को चलाने की अनुमति दी गई है। यदि हम सर्वज्ञ की मौत पर अजमेर को स्मार्ट सिटी बना रहे हैं तो फिर हमें ऐसी स्मार्ट सिटी नहीं चाहिए। आठ साल के बेटे की मौत का दर्द क्या होता है, यह अनिश मोयल और उनकी पत्नी से पूछा जाए। अनिश और उनकी पत्नी ऐसी स्मार्ट सिटी का क्या करेगी, जिसमें उनका बेटा ही न हो। अच्छा हो कि प्रशासन ने स्मार्ट के नाम पर ट्रेक्टर ट्रॉली के लिए अब तक जितने भी आदेश दिए हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए और चौराहों पर खड़ी पुलिस बिना हेलमेट वालों को पकडऩे के बजाए ट्रेक्टर ट्रॉली वालों को पकड़े।
रोजगार कोई बहाना नहीं :
जब भी ट्रेक्टर ट्रॉली वालों पर कार्यवाही होती है तो रोजगार का मुद्दा उछाल दिया जाता है। लेकिन रोजगार की आड़ लेकर आप सर्वज्ञ जैसे मासूम को मौत के घाट नहीं उतार सकते। प्रशासन और पुलिस को यदि ट्रेक्टर ट्रॉली वालों के रोजगार की इतनी ही चिंता है तो इस गैर कानूनी काम की अनुमति रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक दी जा सकती है।
भाजपा नेताओं की चुप्पी आश्चर्यजनक :
अजमेर के अधिकांश भाजपा नेता अनिश मोयल के पास जाकर सर्वज्ञ की मौत पर अफसोस तो जता रहे हैं। लेकिन ट्रेक्टर ट्रॉली वालों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोल रहे हैं। भाजपा नेताओं की चुप्पी आश्चर्यजनक है। क्या किसी अवैध काम को रोकने की जिम्मेदारी सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं की नहीं है?
(एस.पी.मित्तल) (18-06-17)
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