आर.के. मार्बल और सुरेश टांक के प्रयासों से ही हो सकता है टैक्स कम। लदान बंद करने से सरकार पर नहीं पड़ेगा असर।

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जीएसटी में मार्बल पर 28 प्रतिशत टैक्स लगाने के विरोध में मार्बल कारोबारी बेहद खफा है। देश का 97 प्रतिशत मार्बल कारोबार राजस्थान में ही होता है। राजस्थान में किशनगढ़ मार्बल की सबसे बड़ी मण्डी है। 28 प्रतिशत टैक्स के विरोध में अब कारोबारियों ने किशनगढ़ मण्डी से लदान बंद कर दिया है। यानि फैक्ट्रियों में मार्बल की कटिंग आदि का तो काम होगा, लेकिन बिक्री नहीं हो सकेगी। मार्बल उद्योग पहले ही बुरी दशा में है, ऐसे में बिक्री बंद होने से इस उद्योग का दम ही निकल जाएगा। ऐसा नहीं की मार्बल मंडी के प्रतिनिधियों ने टैक्स को कम करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए। मार्बल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश टांक ने आर.के. मार्बल संस्थान के सहयोग से राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे और केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली तक से मुलाकात की। इसे एसोसिएशन की सफलता ही कहा जाएगा कि सीएम वसुंधरा राजे भी मार्बल पर टैक्स कम करने की मांग से सहमत है। राजे ने भरोसा भी दिलाया है कि आगामी 5 अगस्त को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस मुद्दे को पूरजोर तरीके से उठाया जाएगा। मार्बल एसोसिएशन इससे ज्यादा और क्या कर सकती है कि सीएम राजे को भी अपनी मांग के साथ खड़ा कर लिया है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मौजूदगी में ही सीएम राजे ने केन्द्रीय वित्त मंत्री से फोन पर संवाद कर कहा कि यदि टैक्स कम नहीं हुआ तो मेरे प्रदेश का मार्बल कारोबार बर्बाद हो जाएगा। मार्बल कारोबारियों को सीएम राजे के प्रयासों पर भरोसा करना चाहिए। यदि सुरेश टांक और आर.के. मार्बल को सफलता नहीं मिलती है तो फिर कोई संस्था अथवा मार्बल कारोबारी टैक्स कम नहीं करवा सकता। यह माना कि यदि मार्बल पर 28 प्रतिशत टैक्स लागू रहा तो मार्बल कारोबार राजस्थान में बंद हो जाएगा। इसके लिए कारोबारियों को अभी से विकल्प तलाशने होंगे, इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि दिल्ली में बैठे नौकरशाह राजस्थान की खानों से निकलने वाले 10 रुपए फीट वाले मार्बल की तुलना आयातित 200 रुपए वाले मार्बल से कर रहे हंैं। यदि राजस्थान में मार्बल कारोबार बंद होता है तो लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
विवाद भी हुआ :
किशनगढ़ की फैक्ट्रियों में हो रहे काम को लेकर 6 जुलाई को जोरदार विवाद भी हुआ। जालौर से आए एक प्रतिनिधि मंडल का कहना था कि किशनगढ़ को छोड़कर राजस्थान की सभी मार्बल फैक्ट्रीयों में काम बंद है। ऐसे में किशनगढ़ में भी फैक्ट्रियां बंद रहनी चाहिए। इस पर किशनगढ़ के अनेक मार्बल कारोबारियों ने भी सहमति जताई। विवाद के दौरान ही मार्बल एसोसिएशन की भूमिका पर भी नाराजगी जताई गई। अनेक व्यवसायियों का कहना रहा कि एसोसिएशन ने प्रभावी भूमिका नहीं निभाई है और अब सरकार के प्रति भी नरम रूख अपनाया जा रहा है।
एस.पी.मित्तल) (06-07-17)
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