अजमेर में लूटेरा शिक्षा माफिया दो-दो मंत्रियों से भी नहीं डरता। अब वैन वालों ने भी अभिभावकों पर डंडा मारा। ==========

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अजमेर में लूटेरा शिक्षा माफिया दो-दो मंत्रियों से भी नहीं डरता।
अब वैन वालों ने भी अभिभावकों पर डंडा मारा।
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अजमेर शहर के दोनों भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी और श्रीमती अनिता भदेल स्वतन्त्र प्रभार के मंत्री हैं। यह उम्मीद की जाती है कि जिस शहर के दोनों विधायक मंत्री हों, वहां सरकार के नियमों की कुछ तो पालना होनी ही चाहिए। लेकिन इसे अफसोसनाक कहा जाएगा कि शहर में लुटेरे शिक्षा माफिया को इन दोनों मंत्रियों का कोई डर नहीं है। सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की लूट को रोकने के लिए सख्त नियम बना रखे हैं। लेकिन अजमेर में इन नियमों की खुले आम छज्जियां उड़ रही हैं। जुलाई में स्कूल खुलने के साथ ही सबसे ज्यादा परेशानी मध्यमवर्गीय परिवार के अभिभावकों को हो रही है। मोटी फीस वसूलने के साथ-साथ महंगी ड्रेस खरीदने की अनिवार्यता भी है। सरकार की लाख कोशिश के बाद भी कॉपी और किताबें ऊंची कीमत पर बेची जा रही है। शहर के तबीजी क्षेत्र में चलने वाले एक प्राइवेट स्कूल ने तो लूट-खसोट की हद ही कर दी। इस स्कूल में प्रत्येक शनिवार को स्पार्ट्स-डे मनाया जाता है। गत वर्ष निर्धारित दुकान से एडिडास कम्पनी के जूते खरीदने के लिए बाध्य किया गया तो इस वर्ष नाइक कम्पनी के जूते खरीदने का फरमान जारी कर दिया गया है। जबकि पूरे वर्ष प्रत्येक शनिवार को तीस दिन भी जूते नहीं पहने जाएंगे। अभिभावकों का कहना है कि जब गत वर्ष वाले जूते ही सुरक्षित हैं तो इस बार दूसरी कम्पनी के क्यों मंगवाए जा रहे हैं। सरकार कितने भी नियम कायदे बना लें। लेकिन जब तक ईमानदारी से कार्यवाही नहीं होगी, तब तक ऐसे नियम कोई मायने नहीं रखते और जब अजमेर में शिक्षा मंत्री और महिला एवं बाल विकास मंत्री का ही डर नहीं है तो फिर प्रदेश के दूसरे शहरों का अंदाजा लगाया जा सकता है। जहां तक सम्बन्धित विभागों के अधिकारी का सवाल है तो ऐसे सभी अधिकारी चांदी के जूते खाने में मस्त हैं। यदि जूते नहीं खाते तो कोई स्कूल प्रतिवर्ष जूते की कम्पनी नहीं बदल सकता था। अजमेर में शिक्षा माफिया इतना मजबूत है कि उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। असल में शिक्षा माफियाओं को राजनेताओं का भी संरक्षण है। कई नेता तो स्वयं ही स्कूलों का संचालन कर रहे हैं।
शिकायत पर होगी कार्यवाही- देवनानी :
शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने कहा कि कोई भी प्राइवेट स्कूल सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्डों से अधिक फीस नहीं वसूल सकता। किसी भी विद्यार्थी को किसी एक दुकान से ड्रेस, पुस्तकें, कॉपी आदि सामग्री लाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। किसी कम्पनी के जूते के लिए भी नहीं कहा जा सकता है। सरकार ने ऐसे स्कूलों की लूट-खसोट रोकने के लिए ही सख्त नियम बना रखे हैं। यदि किसी अभिभावक को शिकायत है तो वह सम्बन्धित अधिकारी को लिखित में अपनी शिकायत दे सकता है। ऐसी शिकायतें सीधे उन्हें भी दी जा सकती है। उनके मोबाइल नंबर 9414155744 पर भी जानकारी दी जा सकती है। देवनानी ने कहा कि गुणवत्ता की दृष्टि से सरकारी स्कूल भी अब बहुत अच्छे हैं। प्राइवेट स्कूलों से परेशान अभिभावकों को अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाना चाहिए।
अब वैन मालिकों का डंडा :
अब वैन मालिकों ने भी अभिभावक पर आर्थिक डंडा मार दिया है। प्रशासन ने निर्धारित संख्या में ही बच्चों को बैठाने की अनिवार्यता लागू की है, इसे देखते हुए वैन मालिकों ने अभिभावकों से डबल शुल्क की मांग कर दी है। वैशाली नगर से सोफिया स्कूल तक के अभी 900 रुपए प्रतिमाह लिए जा रहे हैं। लेकिन अब सीधे 2000 रुपए का फरमान जारी कर दयिा गया है। चूंकि प्रशासन ने वैन मालिकों के लिए किराए का निर्धारण नहीं कर रखा है इसलिए वैन मालिक अपनी मर्जी से वसूली कर रहे हैं। इतना ही नहीं अभिभावकों से एक पत्र पर हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं। इस पत्र में अभिभावकों की ओर से यह लिखाया गया कि वे अपने वैन चालक से संतुष्ट हैं।
एस.पी.मित्तल) (10-07-17)
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