इस्माइल नहीं, सलीम शेख चाहिए भारत को। 50 अमरनाथ यात्रियों की जान बचाई। ===============

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10 जुलाई की रात को सलीम शेख अनंतनाग के हाईवे पर बस को दौड़ता नहीं तो आतंकवादी बस में घुसकर सभी अमरनाथ यात्रियों को मौत के घाट उतार देते। 6 आतंकियों की लगातार गोलीबारी के बीच सलीम ने बस को बहादुरी के साथ चलाया। दौड़ती बस में जिन लोगों को गोलियां लगी, उनमें से 7 ने दम तोड़ दिया, जबकि 19 जख्मी हो गए। बस में करीब 60 यात्री सवार थे। यानि सलीम ने 50 से भी ज्यादा यात्रियों की जान बचा दी। सलीम की बहादुरी के कारण अब जम्मू-कश्मीर की सरकार 6 लाख रुपए का पुरस्कार दे रही हैं तो गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने सलीम को वीरता पुरस्कार देने के लिए सिफारिश की है। एक ओर सलीम शेख है, दूसरी ओर आतंकी इस्माइल है। सुरक्षा एजेंसियों की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि अनंतनाग हमले का मास्टर माइंड इस्माइल ही है। इस्माइल आतंकी संगठन लश्कर से जुड़ा हुआ है और इसने पाक अधिकृत कश्मीर में प्रशिक्षण लिया है। आज देश के जो हालात हंै, उसमें इस्माइल नहीं, सलीम शेख जैसा देशभक्त नागरिक चाहिए। सलीम ने अपनी जान की परवाह किए बगैर बस को चलाया।
(एस.पी.मित्तल) (11-07-17)
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