आम लोग भी परेशान होते हैं इंटरनेट बंद होने से। आखिर डरता क्यों है प्रशासन। ============

#2277
आम लोग भी परेशान होते हैं इंटरनेट बंद होने से।
आखिर डरता क्यों है प्रशासन।
============
12 जुलाई को नागौर जिले सांवराद गांव में अपराधी आनंदपाल के मामले

3d illustration of a large brass padlock attached to a framed Microsoft Internet Explorer logo over a white isolated background

को लेकर जो रैली हुई, उसके मद्देनजर नागौर, चूरू और बीकानेर जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई। नागोर की सीमा से लगे अजमेर जिले के किशनगढ़, रूपनगढ़ आदि में भी इंटरनेट पर रोक लगा दी। प्रशासन भले ही कानून व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इंटरनेट पर रोक लगाना हो, लेकिन इंटरनेट सेवाएं बंद होने से आम लोगों को भारी परेशानी होती है। अब जब सरकार ने सब काम ऑन लाइन कर दिया है तब इंटरनेट बंद हो जाना बहुत बड़ी मुसीबत है। सरकारी दफ्तरों, बैंकों आदि का भी कामकाज ठप हो जाता है। युवा वर्ग भी कहीं भी ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकता। सरकार का यह तर्क होता है कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैल जाने से कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ जाती है। वाट्सएप, फेसबुक, ट्वीटर आदि का इस्तेमाल रोकने के लिए ही इंटरनेट की सेवाओं को बंद किया जाता है। समझ में नहीं आता कि सरकार का यह तर्क कितना मायने रखता है। लेकिन इतना जरूर है कि अब प्रशासन और सरकार सोशल मीडिया को सबसे ताकतवर मीडिया मानती है। सोशल मीडिया का प्रभाव प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से भी ज्यादा है। सरकार को सोशल मीडिया को बंद करने की बजाए उन तत्वों के विरुद्ध कार्यवाही करनी चाहिए जो इसका दुरुपयोग करते हैं। अफवाह फैलाने का डर दिखाकर आम लागों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। बल्कि अफवाहों को रोकने में सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना चाहिए। गंभीर परिस्थतियां होने पर ही इंटरनेट की सेवाएं बंद करनी चाहिए।
(एस.पी.मित्तल) (12-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...