आखिर कांग्रेस कर्नाटक को कश्मीर क्यों बनाना चाहती है? अलग झंडे का मतलब अलगाव। =========

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कांग्रेस के शासन वाले कर्नाटक राज्य के सीएम सिद्धरमैया ने कनार्टक का अलग झंडा तैयार करने के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की है। सिद्धरमैया का कहना है कि देश में कर्नाटक की अलग पहचान बने, इसलिए झंडा तैयार करवाया जा रहा है। अलग झंडे की आलोचनाओं का जवाब देते हुए सिद्धरमैया की ओर से कहा गया है कि कश्मीर राज्य का भी अलग झंडा है। इसलिए यह सवाल उठता है कि आखिर कांग्रेस कनार्टक को कश्मीर क्यों बनाना चाहती हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के अन्तर्गत कश्मीर को जो विशेष अधिकार मिले हैं, उसकी वजह से ही आज कश्मीर में आतंकवाद चरम पर है। कश्मीर को भारत से अलग करने के लिए ही 4 लाख हिन्दुओं को पीट-पीट कर भगा दिया गया। कश्मीर से हिन्दुओं को भगाने में कांग्रेस की सरकारों अथवा कांग्रेस समर्थन से चलने वाली सरकारों का योगदान रहा है। अब सिद्धरमैया भी कर्नाटक को कश्मीर की राह पर ले जा रहे हैं। क्या कांग्रेस यह चाहती है कि कर्नाटक में सिर्फ कन्नड़भाषी ही रहे? आज देश में ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर आईटी के क्षेत्र में कर्नाटक का महत्वपूर्ण स्थान है। सिद्धरमैया आज कर्नाटक का अलग झंडा बनाकर अलगाववाद के विचार को जो आगे बढ़ा रहे हैं, उससे हो सकता है कि आगे चलकर कर्नाटक से गैर कन्नड़भाषी लोगों को पीट-पीटकर भगा दिया जाए। समझ में नहीं आता कि कांग्रेस अलगाववाद को बढ़ावा देने वाले काम क्यों करती हैं? देश के कई राज्यों में पहले ही हालात बिगड़े हुए हैं। आज भले ही कांग्रेस विपक्ष में हो, लेकिन हो सकता है कि किसी चुनाव में कांग्रेस की जीत हो जाए। ऐसे में आज जो बीज बोए जा रहे हैं, उनके कांटों को कांग्रेस को ही काटना पड़ेगा। अच्छा हो कि ग्रेस देश की एकता और अखण्डता को ध्यान में रखते हुए निर्णय लें।
एस.पी.मित्तल) (19-07-17)
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