आनंदपाल के एनकाउंटर में शामिल अधिकारियों को सीबीआई से जांच का फैसला रास नहीं आ रहा। नपे-तुले शब्दों में सरकार के प्रति दिखा रहे हैं नाराजगी। ===========

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राजस्थान की भाजपा सरकार ने भले ही राजनीतिक कारणों से गैंगस्टर आनंदपाल के एनकाउंटर की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया हो, लेकिन सरकार का यह फैसला पुलिस के उन अधिकारियों को रास नहीं आ रहाहै, जो एनकाउंटर की टीम में शामिल थे। टीम में शामिल ऐसे कई अधिकारी अब नपे-तुले शब्दों में अपनी नाराजगी को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं। मालूम हो कि जब आनंदपाल फरार था, तब सरकार का पुलिस पर भारी दबाव था। यही वजह रही कि गत 24 जून को जब पुलिस को यह पता चला कि आनंदपाल चुरू जिले के मालासर गांव के एक मकान में छिपा हुआ है, तो राजस्थान भर के योग्य पुलिस अफसरों की एक टीम बनाई गई। इस टीम के एनकाउंटर में ही आनंदपाल मारा गया। लेकिन राजपूत समाज और परिजनों ने एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए सीबीआई से जांच कराने की मांग की। पहले तो प्रदेश के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने सीबीआई जांच से इंकार कर दिया। लेकिन 18 जुलाई को सरकार ने सीबीआई जांच की घोषणा कर दी। माना जा रहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के 21 जुलाई के दौरे के मद्देनजर सरकार ने सीबीआई जांच का फैसला लिया। राज्य सरकार अमित शाह के तीन दिवसीय जयपुर दौरे में कोई विवाद नहीं चाहती थी। सीबीआई जांच पर एनकाउंटर टीम में शामिल डीएसपी विद्या प्रकाश और सूर्यवीर सिंह राठौड़ की भावनाओं को यहां लिखा जा रहा है। दोनों अधिकारियों ने अपनी भावनाओं को फेसबुक पर पोस्ट किया है।
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(1)
राज्य सरकार ने कुख्यात अपराधी व गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया है ! इसी के साथ राजपूत समाज का कई दिनों से चल रहा आंदोलन भी समाप्त हो गया।
हमें परवाह थी तो शिक्षक राजेंद्र सिंह शेखावत के बूढ़े पिता व मात्र चौदह दिन सुहागन रही उसकी विधवा की, जिसकी आनंदपाल सिंह ने पैसे लेकर बेरहमी से हत्या करवा दी। हम उत्तरदायी हैं सिपाही शहीद खूमाराम व फैज़ मोहम्मद के परिवारों के लिए। हम प्रतिबद्ध हैं खूमाराम व फैज़ मोहम्मद व कई निर्दोष लोगों के हत्यारों को सजा दिलाने ले लिए। हमें चिंता है तो इस बात की कि किस प्रकार से जाति बिरादरी से ऊपर उठकर कुख्यात अपराधियों का जड़ से सफाया किया जाए।
हमें परवाह नहीं कि समाज हमारे बारे में क्या राय रखता है।
हमें चिंता नहीं कि सोशल मीडिया पर हमारी कितनी भर्तस्ना हो रही है।
हम उन लोगों के प्रति उत्तरदायी नहीं है जो एक अपराधी का महिमा मंडन करते है व उसे अपना आदर्श मानते हैं।
अब आप को तय करना है कि आप कैसा समाज व वातावरण चाहते हैं।
सीबीआई एक निष्पक्ष व पारदर्शिता से जांच करने वाली एजेंसी हैं। सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है। मैं इस एनकाउंटर टीम का सदस्य रहा हंू। मेरा विश्वास है कि सीबीआई जांच में मुझे व मेरी टीम को क्लीन चिट मिलेगी और राजस्थान पुलिस की साख में और बढ़ोतरी होगी।
सांच को आंच नहीं
सत्यमेव जयते, सरकार की कोई मजबूरी हो सकती है पर हमने तो अपराधियों में भय और आम जन में विश्वास की कसम खाई है।
-सूर्यवीर सिंह राठौड़।
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(2)
CBI enquiry in Anandpal operation… Agitating against Police action is part of Democracy. Every citizen has a opinion and a voice. Every voice has to be heard, this is the beauty of our Democracy. Facing enquiries is as much part of Police duty as much as facing bullets. They will face the enquiry with same equanimity and courage as they faced bullets and use this opportunity to come out clean. But the resilience, spirit, capacity and determination of Rajasthan Police in combating crime will not be dampened. Police don’t have the luxury to feel weak, negative, demoralised and demotivated. If tomorrow someone like Rajendra Shikshak is killed by a powerful gangster like Anandpal for 2.5 Lakhs police has to act. Police is answerable to his wife who got widowed in 14 days. She can’t go anywhere else and she can’t afford and doesn’t like a weak, demoralised police force.
-Vidya Prakash, DYSP.

एस.पी.मित्तल) (20-07-17)
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