साइकिल पर सवार होकर पायलट ने अजमेर में जीत की संभावनाओं को तलाशा। उपचुनाव के मद्देनजर कांग्रेसियों में उत्साह भरा।

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28 सितम्बर को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने अजमेर में साइकिल पर सवार होकर लोकसभा के उपचुनाव में अपनी जीत की संभावनाओं को तलाशा। हालांकि कांग्रेस की ओर से 28 सितम्बर को प्रदेश भर में महंगाई और पेट्रोल की मूल्य वृद्धि के विरोध में प्रदर्शन किया गया। लेकिन प्रदेश अध्यक्ष पायलट ने अजमेर में ही अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। इसके लिए साइकिल रैली निकाली गई। पायलट ने स्वयं साइकिल चलाई और यह संदेश देने का प्रयास किया कि महंगाई और पेट्रोल के दाम बढ़ने से लोग अब साइकिल चलाने को मजबूर हंै। लेकिन इस साइकिल रैली के पीछे पायलट की उपचुनाव की रणनीति भी रही। कांग्रेस का आम कार्यकर्ता चाहता है कि लोकसभा के उपचुनाव में अजमेर से पायलट ही उम्मीदवार हों। हालांकि पायलट ने अभी तक भी चुनाव लड़ने से इंकार नहीं किया है। लेकिन पायलट पहले अपनी जीत के प्रति आश्वस्त होना चाहते हैं। यही वजह रही कि 28 सितम्बर को साइकिल पर सवार होकर पायलट ने यह जाना कि अजमेर के लोगों में उनके प्रति कितनी हमदर्दी है। रणनीति के अनुसार जिले भर से कार्यकर्ताओं को अजमेर बुलाया गया। ताकि पायलट की हौंसला अफजाई हो सके। देहात कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह राठौड़ और शहर अध्यक्ष विजय जैन ने इस बात के भरपूर प्रयास किए कि लोगों की अधिक से अधिक उपस्थिति रखा जाए।
उत्तर और दक्षिण के क्षेत्रों में हुई रैलीः
चुनाव गणित के हिसाब से ही पायलट की साइकिल रैली अजमेर शहर के दक्षिण और उत्तर विधानसभा क्षेत्रों में की गई। रैली की शुरुआत दक्षिण क्षेत्र के राजा साइकिल चैराहे से हुई और समापन उत्तर क्षेत्र में आने वाले गांधी भवन चैराहे पर हुआ। यहां पायलट ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केन्द्र सरकार की नीतियों की आलोचना भी की। पायलट ने राज्य की भाजपा सरकार को भी कोसा।
जीत कांग्रेस की होगी-पायलटः
रैली के दौरान मीडिया से संवाद करते हुए पायलट ने कहा कि अजमेर से कांग्रेस का कोई भी कार्यकर्ता चुनाव लड़े, लेकिन जीत कांग्रेस की ही होगी। यदि हाईकमान कहेगा तो मैं स्वयं भी चुनाव लड़ूंगा। मैं पहले भी दो बार अजमेर से चुनाव लड़ चुका हंू। अजमेर के आम लोगों से मेरा सीधा संबंध है। मैंने सांसद और फिर केन्द्रीय मंत्री रहते हुए अजमेर का जो विकास करवाया, उसे पिछले साढ़े तीन वर्ष में रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि मुझे यह पता है कि कांग्रेस का कार्यकर्ता मेरी उम्मीदवारी की घोषणा का इंतजार कर रहा है। आज जिस तरह कार्यकर्ताओं ने साइकिल रैली में उत्साह दिखाया है उससे यह तय हो गया है कि न केवल उपचुनाव में बल्कि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की जीत होगी।
रैली में साइकिल रिक्शे का उपयोगः
कांगे्रस के जो बुजुर्ग और अस्वस्थ नेता साइकिल नहीं चला सके, उन्हें साइकिल रिक्शाओं का उपयोग करना पड़ा। हालांकि पायलट के साथ देहात और शहर कमेटी के अध्यक्षों ने साइकिल चलाई, लेकिन वहीं पूर्व सांसद प्रभा ठाकुर, पूर्व विधायक रघु शर्मा, श्रीमती नसीम अख्तर, डाॅ. श्रीगोपाल बाहेती, ललित भाटी आदि ने साइकिल रिक्शे का उपयोग किया। दक्षिण क्षेत्र से विधानसभा चुनाव में प्रबल दावेदार हेमंत भाटी के नेतृत्व में युवाओं ने बड़ी संख्या में साइकिल चलाई।
डूडी भी साथ रहेः
विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी भी पायलट की साइकिल रैली में साथ रहे। डूडी ने भी कहा कि राज्य की भाजपा सरकार की वजह से आम लोग परेशान है। अब तो केन्द्र सरकार की नीतियों पर भाजपा के नेता भी खिलाफ बोलने लगे हैं।
एस.पी.मित्तल) (28-09-17)
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