आखिर सरकार आरपीएससी के प्रति इतनी लापरवाह क्यों है? पहले क्यों नहीं होता अध्यक्ष का फैसला?

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29 सितम्बर को भी राज्य सरकार ने राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के बारे में कोई फैसला नहीं किया। श्याम सुंदर शर्मा की 28 सितम्बर को आयोग के अध्यक्ष पद से विदाई हो गई। शर्मा 28 सितम्बर की शाम को ही अपने गृह जिले झालावाड़ में चले गए। इस समय आयोग में आरएएस परीक्षा 2016 के इन्टरव्यू चल रहे हैं और अनेक परीक्षाओं को लेकर महत्वपूर्ण फैसले होने हैं। ऐसे में राज्य सरकार को अध्यक्ष के बारे में फैसला पहले ही कर लेना चाहिए था। सरकार की इस लापरवाही की वजह से ही आज आयोग अध्यक्ष विहीन हो गया है। चूंकि 2 अक्टूबर तक अवकाश है, इसलिए सरकार शायद 3 अक्टूबर को कोई फैसला ले। एक ओर सरकार युवाओं को नौकरी देने के बड़े-बड़े दावे करती हैं, लेकिन वहीं राजस्थान भर में सरकारी नौकरी देने के सबसे बड़े संस्थान के प्रति सरकार लापरवाह बनी हुई है। इससे सरकार की कथनी और करनी का पता चलता है। ऐसा नहीं कि आयोग में सिर्फ अध्यक्ष का पद ही रिक्त है। इससे पूर्व ललित के पंवार और हरिकिशन खीचड़ का कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद भी सरकार ने नए सदस्यों की नियुक्ति नहीं की। यानि वर्तमान में आयोग के सदस्यों के तीन पद रिक्त पड़े हैं। इस समय आर.डी. सैनी, सुरजीत लाल मीणा, के.आर. बगडिया, शिव सिंह राठौड़ और राजकुमारी गुर्जर सदस्य के तौर पर काम कर रहे हैं। माना जा रहाहै कि कार्यरत पांचों सदस्यों मे ंसे किसी को भी आयोग का अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। इनमे ंसे तीन सदस्य पिछली कांग्रेस की सरकार द्वारा नियुक्त हैं तथा दो सदस्यों को सरकार आयोग के अध्यक्ष पद के काबिल नहीं मानती।
होती रही हैं राजनीतिक नियुक्तियां :
हालांकि आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों का पद संवैधानिक होता है, लेकिन आयोग में राजनीतिक नजरिए से नियुक्ति होती रही है। कांग्रेस और भाजपा दोनो ही दलों की सरकार अपने कार्यकर्ताओं को उपकृत करती हैं। 28 सितम्बर को आयोग के अध्यक्ष के पद से सेवानिवृत्त हुए श्याम सुंदर शर्मा की सबसे बड़ी काबलियत यही थी कि वह झालावाड़ में होने वाले चुनावों में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रतिनिधि की भूमिका निभाते हैं। झालावाड़ राजे और उनके पुत्र दुष्यंत सिंह का निर्वाचन क्षेत्र हैं। राजनीतिक नियुक्ति की संभावनाओं के साथ-साथ किसी रिटायर्ड आईएएस अथवा आईपीएस को भी सदस्य के तौर पर नियुक्त किया जा सकता है। सरकार किसी भी नजरिए से नियुक्ति करें, लेकिन उसे सदस्यों की नियुक्ति समय पर करनी चाहिए ताकि बेरोजगार युवाओं को नुकसान नहीं हो।
जैन बन सकते है अध्यक्ष :
प्रदेश के मुख्य सचिव अशोक जैन को आरपीएससी का अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है। यदि जैन की नियुक्ति होती है तो वह 62 वर्ष की उम्र तक अध्यक्ष के पद पर कायम रहेंगे। जानकारों के अनुसार एन. सी. गोयल को नया मुख्य सचिव बनाया जा सकता है।
एस.पी.मित्तल) (29-09-17)
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