मुख्यमंत्री के पुष्कर आने से पहले ही सीवरेज का गंदा पानी पवित्र सरोवर में पहुंचा। तीर्थ पुरोहितों ने पालिका के खिलाफ जताया गुस्सा।

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मुख्यमंत्री के पुष्कर आने से पहले ही सीवरेज का गंदा पानी पवित्र सरोवर में पहुंचा। तीर्थ पुरोहितों ने पालिका के खिलाफ जताया गुस्सा।
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1 अक्टूबर का दिन तीर्थ नगर पुष्कर के लिए बेहद ही खराब रहा। जिस पवित्र सरोवर के जल को श्रद्धालु अपने माथे पर लगाकर आचमन करते हैं उसी सरोवर में सीवरेज का गंदा पानी चला गया। अंदाजा लगाया जा सकता है कि श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को कितनी ठेस पहुंची होगी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार परिक्रमा मार्ग पर बने ब्रह्म घाट पर सुबह ही सीवरेज लाइन ओवर फ्लो हो गई और गंदा पानी घाट की सीढ़ियों से उतर कर पवित्र सरोवर में जा मिला। हालांकि कुछ तीर्थ पुरोहितों ने वाइपर के जरिए गंदे पानी को सरोवर में जाने से रोकने का प्रयास किया। सीवरेज का पानी सरोवर में जाने पर कुछ तीर्थ पुरोहितों ने पुष्कर नगर पालिका के प्रति भी गुस्सा जताया। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं का भी कहना रहा कि पुष्कर का प्रशासन पूरी तरह विफल है। जिस पवित्र समारोह में स्नान करने के लिए दूर दराज से श्रद्धालु आते हैं उसी सरोवर में यदि गंदा पानी गिरता है तो यह बेहद ही शर्मनाक बात है। पुष्कर की सड़कों पर सीवरेज का गंदा पानी बहना तो आम बात है, लेकिन अब तो यह पानी पवित्र सरोवर में भी जाने लगा है। गंदा पानी सड़कों पर बहने से परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं को भी भारी परेशानी होती है। महत्वपूर्ण बात तो ये है कि इस समय अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष के पद पर भाजपा के शिव शंकर हेड़ा और पालिका के अध्यक्ष पद पर भाजपा के ही कमल पाठक विराजमान हैं। पुष्कर में सीवरेज लाइन का कार्य प्राधिकरण ने किया था और अब रख रखाव की जिम्मेदारी पालिका अध्यक्ष की है। पिछले दिनों पुष्कर में स्वच्छता को लेकर बड़े-बड़े दावे किए गए, लेकिन सीवरेज का गंदा पानी यह बताता है कि सारे दावे खोखले हैं। पुष्कर के वकील भीकम शर्मा ने आरोप लगाया है कि स्वच्छता अभियान के नाम पर बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने कहा कि आगे चल कर डस्टबिन घोटाला उजागर होगा। पुष्कर के तीर्थ पुरोहित श्याम सुंदर पाराशर, बाबूलाल पाराशर, गिरीराज पाराशर आदि ने भी पालिका की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई है एक ओर जहां पुष्कर के आम श्रद्धालु परेशान हैं, वहीं प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के पदाधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं। माना जा रहा है कि पुष्कर में कांग्रेस विपक्ष की भूमिका निभाने में पूरी तरह असमर्थ है। जहां तक पालिका अध्यक्ष कमल पाठक का सवाल है तो वे बयान बाजी तो बहुत करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत अलग है। यह सब तो तब हो रहा है जब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को शीघ्र ही पुष्कर आना है। जानकार सूत्रों के अनुसार पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर के आधुनिकीकरण के कार्य के शिलान्यास के लिए मुख्यमंत्री का 4 अक्टूबर को अजमेर दौरा प्रस्तावित है। देखना है कि पुष्कर नगर पालिका मुख्यमंत्री के आने से पहले उत्पन्न चुनौतियों से कैसे निपटती है।
एस.पी.मित्तल) (01-10-17)
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