बीड़ी उद्योगपति हेमंत भाटी भी हो सकते हैं अजमेर लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार। एससी, गुर्जर और मुस्लिम मतदाताओं को एकजुट करने का प्लान।

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बीड़ी उद्योगपति हेमंत भाटी भी हो सकते हैं अजमेर लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार। एससी, गुर्जर और मुस्लिम मतदाताओं को एकजुट करने का प्लान।
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अजमेर में होने वाले लोकसभा के उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर बीड़ी उद्योगपति हेमंत भाटी का नाम तेजी से चर्चाओं में आया है। भाटी अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं। इसलिए कांग्रेस एससी, गुर्जर और मुस्लिम मतदाताओं को एकजुट करने का प्लान बना रही है। कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि यदि भाटी उम्मीदवार होते हैं तो अनुसूचित जाति के मतदाताओं को आकर्षित किया जा सकेगा। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट की वजह से गुर्जर मतदाता कांग्रेस को वोट देंगे। इसी प्रकार मुस्लिम मतदाताओं परंपरागत तौर पर कांग्रेस के साथ रहेंगे। अजमेर संसदीय क्षेत्र के 18 लाख मतदाताओं में से तीन लाख एससी, ढाई लाख मुस्लिम तथा डेढ़ लाख गुर्जर मतदाता माने जा रहे हैं। यानि भाटी की उम्मीदवारी से कांग्रेस सात लाख मतदाताओं के जुगाड़ में है। कांग्रेस के इस प्लान को कितनी सफलता मिलती है यह तो चुनाव का परिणाम ही बताएगा, लेकिन फिलहाल भाटी के पक्ष में सबसे मजबूत तथ्य उनकी आर्थिक स्थिति है। जानकार सूत्रों के अनुसार पायलट ने अजमेर जिले के प्रमुख नेताओं से संवाद किया था। इस संवाद में यह पूछा गया कि भारी भरकम खर्च वाले लोकसभा चुनाव को कौन लड़ना चाहता है? पायलट का साफ साफ कहना रहा कि मुकाबला भाजपा उम्मीदवार से नहीं बल्कि राजस्थान सरकार से होगा। अजमेर के किसी भी नेता ने करोड़ों के खर्च को देखते हुए चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं दिखाई। सूत्रों की माने तो पायलट ने बीड़ी उद्योगपति हेमंत भाटी से अकेले में बात की। माना जा रहा है कि भाटी लोकसभा के उपचुनाव का खर्चा वहन करने की क्षमता रखते हैं। इसलिए भी पायलट की नजर भाटी पर टिकी हुई है। यानि वर्तमान परिस्थितियों में हेमंत भाटी कांग्रेस के लिए एक उपयोगी नेता हो गए हैं। यह बात अलग है कि वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार श्रीमती अनिता भदेल के साथ काम करने की वजह से भाटी को कांग्रेस से निलम्बित कर दिया गया था। लेकिन बाद में गत विधानसभा का चुनाव भाटी ने अजमेर दक्षिण क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर लड़ा। इस चुनाव में भाटी कोई 25 हजार मतों से पराजित हुए।
पार्टी कहेगी तो चुनाव लड़ूगा-भाटीः
हेमंत भाटी ने इस तथ्य को स्वीकार किया कि प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने अजमेर संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं के संदर्भ में चर्चा की थी। लेकिन मेरी उम्मीदवारी पर कोई बात नहीं हुई मेरी रुचि अजमेर दक्षिण से विधानसभा का चुनाव लड़ने की है। लेकिन पार्टी कहेगी तो मैं लोकसभा का उपचुनाव भी लड़ लूंगा।
पायलट समर्थक हैं भाटीः
कांग्रेस की राजनीति में हेमंत भाटी को पायलट का मजबूत समर्थक माना जाता है। सब जानते है। कि अजमेर में पायलट का चुनाव क्षेत्र है। भले ही पायलट अजमेर से उपचुनाव न लड़े लेकिन वह अजमेर में अपनी पकड़ को मजबूत रखना चाहते हैं। भाटी ऐसे समर्थक हैं जो पायलट के इशारे पर कुछ भी बलिदान करने को तैयार रहेंगें।
एस.पी.मित्तल) (01-11-17)
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