जन्मदिन का इससे बड़ा आशीर्वाद और क्या हो सकता है जब राष्ट्रसंत और दुनिया भर में वेदों तथा संस्कृत वाहक गोविंददेव गिरि जी महाराज ने रुद्राक्ष माला और माथे पर तिलक लगाया।

जन्मदिन का इससे बड़ा आशीर्वाद और क्या हो सकता है जब राष्ट्रसंत और दुनिया भर में वेदों तथा संस्कृत वाहक गोविंददेव गिरि जी महाराज ने रुद्राक्ष माला और माथे पर तिलक लगाया।
=====
किसी भी व्यक्ति के जीवन में जन्म दिन का अपना महत्व होता है, लेकिन मेरे जैसे कार्यशील और निरंतर संघर्ष करने वाले व्यक्ति की यह इच्छा रहती है कि सद्विचारों वाले पुरुषों का आशीर्वाद मिलता रहे, ताकि मैं लगातार रोजाना अपना कार्य कर सकूं। जो लाखों लाख पाठक मुझे सोशल मीडिया के जरिए पढ़ते हैं उन्हें पता है कि नियमित लिखना और लोगों तक पहुंचाना कितना कठिन होता है। लेकिन इसे ईश्वर की कृपा ही कहा जाएगा कि यह कठिन कार्य में लगातार कर रहा हूं। 13 फरवरी को मेरा 57वां जन्म दिन रहा। इस बार मेरा यह सौभाग्य रहा कि राष्ट्रसंत और दुनिया भर में सनातन संस्कृति के वाहक गोविंददेव गिरि जी महाराज पुष्कर में विराजमान हैं। पुष्कर के बाहर सावित्री वेद विद्यापीठ के वार्षिकोत्सव से भाग लेने के लिए प्रमुख राजश्री बिड़ला भी शामिल हैं। 13 फरवरी को राजश्री बिड़ला ने भी गोविंददेव गिरि जी का आशीर्वाद प्राप्त किया। मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि गोविंददेव जी मेरे ब्लाॅगों को रोजाना पढ़ते हैं, इसलिए मेरे प्रति उनका स्नेह खास रहता है। मेरे मित्र सुभाष काबरा ने जब बताया कि आज मेरा जन्म दिन भी हैं तो गोविंद देव गिरिजी का मेरे प्रति खास स्नेह देखने को मिला। उन्होंने मुझे राष्ट्रहित और मानवहित में रोजाना तो लिखने का आशीर्वाद दिया ही साथ ही असली रुद्राक्ष की माला पहनाई तथा उस चंदन से तिलक लगवाया जो रोजाना पूजन में कार्य आता है। गोविंददेव गिरि जी ने जिस आत्मीयता के साथ मुझे आशीर्वाद दिया उससे मुझे प्रतीत हुआ कि वाकई कार्य का भी सम्मान होता है। मैं सच्चे मन से राष्ट्रसंत गोविंद देव जी का आभारी हंू और ईश्वर से प्रार्थना है कि ऐसे संत महात्माओं का आशीर्वाद मुझे हमेशा मिलता रहे।
सोशल मीडिया पर शुभकामनाएं देने वालों का भी आभारः
सोशल मीडिया के टूल मैसेंजर वाट्सएप, फेसबुक आदि पर भी मुझे जन्म दिन की शुभकामनाएं मिलती है। इसके साथ ही फोन पर भी अनेक चाहने वालों ने आशीर्वाद दिया है। मैं ऐसे सभी शुभचिंतकों का आभारी हंू। अनेक चाहने वालों ने अपनी फेसबुक पर मेरी फोटो लगाकर जन्म दिन की बधाई दी तथा दिलवाई। सवाल सोशल मीडिया पर मेरी लोकप्रियता का नहीं है। सवाल है मेरे लिखे को कितने लोग पढ़ते हैं। मैंने पहले भी लिखा है कि पांच एन्ड्राॅयड फोनों से कोई एक लाख पाठक है तथा फेसबुक पेज 20 हजार से भी ज्यादा लोगों तक पहुंच रहा। फेसबुक अकाउंट ट्वीट, एप, वेबसाइट आदि के जरिए भी मेरा ब्लाॅग लाखों लोगों तक पहुंचता है। जिन शुभचिंतकों ने दफ्तार में आकर माला पहनाई, उनका भी आभार शुभकामना देने वाले मेरे इस आभार को स्वीकार करें। नाम नहीं लिखने के लिए क्षमाप्रार्थी हंू।
Print Friendly, PDF & Email

You may also like...