कांग्रेस को बहुमत से 10 सीटें भी कम मिली तो कर्नाटक में भाजपा गठबंधन की सरकार बनेगी।

कांग्रेस को बहुमत से 10 सीटें भी कम मिली तो कर्नाटक में भाजपा गठबंधन की सरकार बनेगी। जेडीएस ने भाजपा के साथ जाने के संकेत दिए। राजस्थान पर खास असर पड़ेगा।
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कर्नाटक में किस दल को कितनी सीटें मिलंेगी, इसको लेकर विभिन्न न्यूज चैनल भी अलग-अलग मत रखते हैं। लेकिन नरेन्द्र मोदी और अमितशाह की रणनीति समझने वालों का मानना है कि यदि कांग्रेस को बहुमत से 10 सीटें कम मिलती है तो भाजपा के गठबंधन वाली सरकार बनेगी। कर्नाटक में भले ही अभी कांग्रेस की सरकार है, लेकिन केन्द्रीय एजेंसियों के माध्यम से भाजपा गठबंधन की सरकार बनाने की रणनीति बना ली गई है। यही वजह है कि 13 मई को जेडीएस की ओर से भाजपा के साथ जाने के संकेत आए हैं। जेडीएस की ओर से कहा गया है कि जो दल उनकी मांग पूरा करेगा उसे ही समर्थन दिया जाएगा। अब कांग्रेस तो मांग पूरी करने की स्थिति में है नहीं, क्योंकि केन्द्र में तो भाजपा की सरकार है। केन्द्र सरकार की मदद से ही जेडीएस की मांगों को पूरा किया जा सकता है। कर्नाटक में 224 में से 222 सीटों पर चुनाव हुए है। यानि जिस दल के पास 112 विधायकों का बहुमत होगा, उसी की सरकार बनेगी। कांग्रेस यदि 100 सीटें भी ले आती है तो भी सरकार बनाना मुश्किल है। भाजपा अपनी ओर से जेडीएस की सीटों को मिलाकर सरकार बनाने की तैयारी में है। कर्नाटक में भाजपा की सरकार कैसे बनती है, इससे कोई सरोकार नहीं है। भाजपा को तो 24 के बजाए 25 राज्यों में भाजपा अथवा भाजपा गठबंधन की सरकार चाहिए। साथ ही भाजपा यह भी संदेश देना चाहती है कि जिस प्रकार गुजरात और उत्तराखंड में राहुल गांधी का नेतृत्व फैल हो गया, उसी प्रकार कर्नाटक में भी राहुल चल नहीं पाए हैं। हालांकि कांग्रेस को कर्नाटक में राहुल गांधी से ज्यादा अपने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के नेतृत्व पर भरोसा है, लेकिन नरेन्द्र मोदी और अमितशाह की जोड़ी ने जिस प्रकार चुनाव प्रचार में बाजी मारी उसी प्रकार सरकार बनाने की आक्रमक रणनीति भी बना ली है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही जानते है कि कर्नाटक चुनाव के परिणामों का असर नवम्बर में होने वाले राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तसीगढ़ जैसे राज्यों के विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा।
राजस्थान पर खास असरः
राजस्थान के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का मामला कर्नाटक चुनाव तक टाल दिया गया है। यदि कर्नाटक में भाजपा की सरकार नहीं बनती है तो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को राजनीतिक दृष्टि से महत्व मिलेगा, लेकिन यदि अमितशाह कर्नाटक में सरकार बनाने में सफल होते हैं तो फिर गजेन्द्र सिंह शेखावत ही प्रदेशाध्यक्ष होंगे। भले ही मुख्यमंत्री राजे कितनी भी नाराज हों।
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