सर्जिकल स्ट्राइक पर वाकई राजनीति नहीं होनी चाहिए।
आतंकी हाफिज सईद और हमारे राजनेताओं में फर्क है।

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सितम्बर 2016 में भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर जो सर्जिकल स्ट्राइक की, उसका एक और वीडियो अब सामने आया है। इस वीडियो को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के नेता एक बार आमने-सामने हो गए हैं। कांग्रेस के जो नेता कल तक सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहे थे, वो ही अब कह रहे हैं कि सर्जिकल स्ट्राइक पर भाजपा राजनीति कर रही है। कांग्रेस हो या भाजपा सभी दलों के नेताओं को ध्यान रखना चाहिए कि हमारे सुरक्षा बल किन हालातों में सीमा और कश्मीर घाटी में अपनी ड्यूटी दे रहे हैं। एक तरफ पाक प्रशिक्षित आतंकी हैं तो दूसरी तरफ कश्मीर के पत्थरबाज। शर्मनाक बात तो यह है कि हमारे ही देश में पत्थरबाजों के समर्थक हैं। कभी सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे जाते हैं तो कभी कहा जाता है कि सुरक्षा बलों आतंकियों से ज्यादा कश्मीरियों को मारा है। सब जानते हैं कि मुम्बई हमले का मास्टर माइंड हाफिज सईद भारत को खुली धमकी देता है। पाकिस्तान में बैठ कर हमारी सेना को ललकारता है। हमारे नेताओं को कम से कम हाफिज सईद को तो मदद नहीं करनी चाहिए। जब पत्थरबाजों की पैरवी की जाती है तो सेना की हिम्मत की दाद क्यों नहीं दी जाती? जो नेता हमारी सेना की वफादारी पर अंगुली उठाते हैं उन्हें भी सुरक्षा की जरुरत है। यदि सरकार सुरक्षा हटा ले तो ऐसे नेता एक दिन भी जिंदा नहीं रहेंगे। अच्छा हो कि राजनीतिक बयान बाजी से सेना को दूर रखा जाए। कांग्रेस को भी वोट से ज्यादा देश की चिंता होनी चाहिए।
निरंतर हो सर्जिकल स्ट्राइकः
पाकिस्तान जिस तरह से भारत पर लगातार हमले कर रहा है उसका जवाब भी हमारी सेना को निरंतर देना होगा। केवल एक सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तान समझने वाला नहीं है हमारी सेना में इतनी क्षमता है कि वह पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ट्रेनिंग सेंटरों को ध्वस्त कर सकती है। इसका असर कश्मीर घाटी पर भी पड़ेगा। कश्मीर में हमें जो आतंकवाद देखने को मिल रहा है उसके पीछे पाकिस्तान का ही हाथ है।

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