शिक्षा मंत्री के जिले में ही नियमों की अवेहलना स्कूलों में मनमर्जी से बनाए जा रहे कमरे।

=================
जिन सरकारी स्कूलांे में विद्यार्थियों की संख्या अधिक है उनमें मांग के अनुरूप दो अथवा तीन कमरों का निर्माण करवाया जा रहा है ताकि विद्यार्थी आराम से अध्ययन कर सके। खनन प्रभावित क्षेत्रों में नए कमरों के निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है, लेकिन सरकार के इन नियमों की अवेहलना प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी के गृह जिले अजमेर में ही हो रहा है। जिले की पीसांगन पंचायत समिति के स्कूलों में नियमों विरुद्ध कमरों का निर्माण हो रहा है। जबकि जिन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या अधिक है, वहां नए कमरों का निर्माण नहीं हो रहा। पीसांगन में आने वाले समरथपुरा गांव के सरकारी स्कूल में 150 से भी अधिक विद्यार्थी तीन कमरों में अध्ययन कर रहे हैं। इसी प्रकार खापरी के स्कूल में 80 तथा रायको की ढाणी में नामांकन 87 विद्यार्थियों का है, यहां भी मात्र दो कमरे ही हैं। लेकिन वहीं चेनपुरा की स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या मात्र 68 हैं, इस स्कूल में पहले से ही 8 कमरे बने हुए हैं। विभाग के अधिकारियों ने दो और कमरों की स्वीकृति दे दी हैं। अभिभावकों का कहना है कि उन स्कूलों में कमरे बनाए जाने चाहिए, जहां विद्यार्थियों की संख्या अधिक है। जब शिक्षामंत्री के गृह जिले के ये हाल हैं तो फिर अन्य जिलों का अंदाजा लगाया जा सकता है। असल में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के दबाव में स्कूलों में कमरों का निर्माण हो रहा है। जिस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि कमजोर हैं उस क्षेत्र के स्कूलों का बुरा हाल है।

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...