अब विपक्ष बताए देश के किस गांव में बिजली नहीं है।

अब विपक्ष बताए देश के किस गांव में बिजली नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बिजली की रोशनी में चहकने वाले लाभार्थियों से सीधा संवाद किया।


19 जुलाई को सुबह 9:30 से 10:30 बजे तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टीवी के लाइव प्रोग्राम में देश भर के उन ग्रामीणों से संवाद किया, जिनके गांव में पिछले चार वर्ष में बिजली पहुंची। शुरुआत में मोदी ने कहा कि जब मैं प्रधानमंत्री बना तब बताया गया कि देश के 18 हजार गांवों के चार करोड़ परिवार बिजली से वंचित है। जो लोग बिजली की सुविधा ले रहे हैं वो अहसास कर सकते हैं कि बिना बिजली के जीवन कैसा है। इन 18 हजार गांवों में ऐसे गांव शामिल थे, जो दुर्गम पहाड़ियों पर अथवा नक्सल प्रभावित रहे। ऐसे गांवों में कई किलोमीटर पैदल चल कर पहुंचना होता था। मुझे इस बात का अफसोस रहा कि आखिर बिजली जैसी मूलभूत सुविधा पिछले 70 वर्षों के शासन में क्यों नहीं मिली? मैंने इस चुनौती को स्वीकार किया और आज गर्व के साथ कह सकता हंू कि देश का कोई भी गांव बिना बिजली के नहीं है। अब दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत घर घर तक बिजली पहुंचाना है। मिट्टी के तेल के दीए में पढ़ाई करने वाले एक लाभार्थी के कथन पर मोदी ने भावुक होते हुए कहा कि मेरे घर में भी बिजली नहीं थी। मैं भी तेल के दीए की रोशनी में पढ़ता था। मुझे पता है कि मिट्टी के तेल के दीए से रोशनी के साथ आंखों में जलन भी होती थी।
रहने की परिभाषा ही पलट गईः
पीएम को पूर्वोत्तर के राज्यों से लेकर राजस्थान के जैसलमेर, और उदयपुर के गांवों के लोगों ने बताया कि बिजली आने के बाद किस तरह जीवन भी बदल गया है। जैसलमेर के तेवरिया गांव के शिवनाथ सिंह ने कहा कि बिजली के अभाव में गांव के लड़कों की शादी तक नहीं हो रही थी। कोई पिता अपने बेटी को बिना बिजली वाले गांव में ब्याहना नहीं चाहता था। लेकिन आज गांव में चारों तरफ खुशहाली है। टिहरी गढ़वाल के एक लाभार्थी का कहना था कि गांव के युवकों को फोटो स्टेट करवाने के लिए पचास किलोमटीर दूर जाना होता था, लेकिन अब मैंने ही फोटो स्टेट मशीन लगा ली और मात्र एक रुपए में फोटो स्टेट कर रहा हंू। यानि बिजली आने से ग्रामीणों को तो फायदा हुआ ही, लेकिन मुझे रोजगार भी मिल गया। परीक्षा में रिजल्ट अच्छा आने से लेकर आटा चक्की तक संस्मरण लाभार्थियों नेसुनाए।
फिर भी आलोचनाः
मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने अपने 70 वर्ष के शासन में देश के 80 हजार गांवों में बिजली नहीं पहुंचाई आज वो ही मेरे काम में कमियां निकाल रहे हैं। ऐसे आलोचकों को उन गांवों में जाना चाहिए, जिनमें पिछले चार वर्षों में बिजली पहुंची है।

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