अजमेर में बोल्ड एंड ब्यूटीफुल रहे एसपी राजेन्द्र सिंह।

अजमेर में बोल्ड एंड ब्यूटीफुल रहे एसपी राजेन्द्र सिंह। राजस्थान में सबसे ज्यादा गुंडे बदमाश अजमेर में पकड़े गए।


राजस्थान सरकार ने 19 जुलाई को आधी रात के बाद अंधेरे में 75 आईपीएस अफसरों की जो तबादला सूची जारी की है उसमें अजमेर के एसपी राजेन्द्र सिंह च ौधरी का नाम भी शामिल है। सिंह को अलवर का एसपी नियुक्त किया गया तो धौलपुर के एसपी राजेश सिंह को अजमेर लगाया गया है। राजेन्द्र सिंह का तबादला अलवर होने पर 20 जुलाई की सुबह ही अलवर से एक पत्रकार साथी का फोन आया। पूछा राजेन्द्र सिंह कैसे एसपी हैं। मैंने तपाक से कहा बोल्ड एंड ब्यूटीफुल। अगला सवाल था कैसे? मैंने कहा कि अजमेर में ऐसा कोई विधायक, मंत्री, राजनेता नहीं होगा जो यह दावा कर सके कि मेरी सिफारिश पर एसपी साहब ने कोई काम किया है। अलबत्ता ऐसे अनेक नेता मिल जाएंगे जिन्हें शिकायत है कि एसपी तो सुनता ही नहीं है। जिले के कुछ विधायकों ने तो बात करना ही छोड़ दिया। अब ऐसे नेताओं को राहत मिली है। वहीं पुलिस कर्मी भी राहत महसूस करेंगे क्योंकि अब नेताओं के माध्यम से छोटी मोटी सिफारिश तो करवाई जा सकेगी। नेताओं में चाहे जैसी धारण हो, लेकिन राजेन्द्र सिंह संभवतः राजस्थान के एक मात्र आईपीएस होंगे, जिन्होंने स्वयं और पुलिस फोर्स की सेहत का ख्याल रखा है। सिंह कोई सवा साल अजमेर में रहे। पुलिस नियमों के मुताबिक प्रत्येक सोमवार को प्रातः साढ़े छह बजे पुलिस लाइन में परेड के लिए उपस्थित रहे थे। जब एसपी आ रहे हैं तो फिर अधीनस्थ अफसरों को भी अना पड़ता था। यही वजह रही कि एसपी हर समय मुस्तैद नजर आए। अलवर के पत्रकार साथी का कहना था कि यहां का माहौल अजमेर से अलग है। अजमेर में तो सीधे साधे और शरीफ राजनेता है, लेकिन अलवर में तो ऐसे ऐसे विधायक और नेता हैं जो मुख्यमंत्री तक की परवाह नहीं करते हैं। भले ही ऐसे नेता झगड़ा न करें, लेकिन उनका बोलने का अंदाज ही झगड़े जैसा लगता है। अलवर राजस्थान का ऐसा जिला है, जिसकी सीमाएं तीन राज्यों से लगती है। अपराध की स्टाइल भी अलग है। देखना होगा कि बोल्ड एंड ब्यूटीफुल माने जाने वाले राजेन्द्र सिंह अलवर में कैसे तालमेल बैठाते हैं।
सबसे ज्यादा गुंडे बदमाश पकड़ेः
अजमेर से रवानगी के अवसर पर 20 जुलाई को मेरी मुलाकात एसपी राजेन्द्र सिंह से हुई। सिंह ने अजमेर की मीडिया की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुझे सकारात्मक सहयोग मिला। मेरे बारे में राजनेता या प्रभावशाली लोग क्या सोचेते हैं, इसकी मुझे चिंता नहीं है, लेकिन मैं गर्व से कह सकता हंू कि मेरे सवा साल के कार्यकाल में राजस्थान में सबसे ज्यादा गुंडे बदमाश अजमेर में पकड़े गए हैं। आम आदमी ने मुझे रात 12 बजे भी फोन किया तो मैंने सुनवाई की है। गुंडे बदमाशों को पकड़ने से अपराध में अपने आप कमी आई है। मैंने जायज काम सारे किए हैं, लेकिन दबाव कभी बर्दाश्त नहीं किया। मैं यह बात भी दावे के साथ कह सकता हंू कि अजमेर पुलिस को ईमानदारी के लिए प्रेरित किया। भ्रष्टाचार का कोई मामला मेरी जानकारी में आने के बाद सख्त से सख्त कार्यवाही हुई है। जहां तक अजमेर के संभागीय आयुक्त हनुमान सहाय मीणा को हथियार लाइसेंस के लिए पुलिस की सहमति नहीं देने का सवाल है तो यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है। अलबत्ता मेरी किसी से कोई नाराजगी नहीं है। मेरे लिए अजमेर अच्छा रहा है। अजमेर से पहले मैं कोटा और झालावाड़ में पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्य कर चुका हंू। अलवर मेरी चौथी पोस्टिंग है।
सांसद दुष्यंत सिंह से निकटताः
राजेन्द्र सिंह आरपीएस से आईपीएस बने हैं, लेकिन उनके बोल्ड होने का एक कारण भाजपा के सांसद और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह से निकटता होना भी है। यह निकटता दुष्यंत के निर्वाचन क्षेत्र झालावाड़ में एसपी के पद पर रहते हुए हुई है। यही वजह है कि राजेन्द्र सिंह ने अपनी ममर्जी से अलवर का चयन किया है और स्वयं के तबादले से पहले अजमेर जिले के तीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों को अलवर में तैनात करवा दिया। अब कुछ थानाधिकारी भी अलवर पहुंच सकते हैं।

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