भाजपा इस मुगालते में न रहे कि राजस्थान में कांग्रेस के नेताओं के बीच कोई मतभेद है।

भाजपा इस मुगालते में न रहे कि राजस्थान में कांग्रेस के नेताओं के बीच कोई मतभेद है। वर्ष 2013 में मैंने तो नहीं कहा था कि नरेन्द्र मोदी गले पड़े-गहलोत।


23 जुलाई को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि जब 2013 में नरेन्द्र मोदी गले मिले थे, तब मैंने तो नहीं कहा था कि मोदी मेरे गले पड़े हैं। दिसम्बर 2013 में जब राजस्थान में वसुंधरा राजे के शपथ ग्रहण समरोह में नरेन्द्र मोदी आए थे, तब मंच पर मेरे गले लगे। मैंने यही माना कि वे भारतीय संस्कृति के अनुरूप मुझ से आत्मीयता दिखा रहे हैं। लेकिन 20 जुलाई को संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलने के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी नरेन्द्र मोदी से गले मिले तो कहा जा रहा है कि राहुल गांधी मोदी के गले पड़े। ऐसी टिप्पणी स्वयं नरेन्द्र मोदी ने भी की है। उन्होंने कहा कि गले मिलना हमारी संस्कृति को दर्शाता है। लेकिन अब भाजपा की ओर से गलत प्रचार किया जा रहा है।
भ्रम में न रहे भाजपाः
जयपुर की होटल हवेली में आयोजित कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की वर्कशॉप में भाग लेने आए गहलोत ने कहा कि भाजपा के नेताओं को इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि कांग्रेस के नेताओं में कोई मतभेद है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में संगठन की गतिविधियों की वजह से मेरा राजस्थान में आना कम हो गया है। लेकिन मैं महत्वपूर्ण अवसरों पर राजस्थान में ही रहता हंू। सचिन पायलट हो या अन्य कोई कांग्रेस का नेता, सभी में आपसी तालमेल है। हम सब का मकसद राजस्थान में दोबारा से कांग्रेस की सरकार बनवाना है।
राहुल का सपना पूरा करना है-पायलटः
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनवाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का सपना पूरा करना है। राहुल गांधी भी कह चुके हैं कि यदि कांग्रेस के कार्यकर्ता एकजुट हों तो कोई भी ताकत कांग्रेस को चुनाव में हरा नहीं सकती।
बूथ का मजबूत होना जरूरी-शैलेजाः
राजस्थान स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष कुमारी शैलेजा ने कहा कि बूथ का मजबूत होना जरूरी है। एक समय था जब मतदान केन्द्र से जुड़े कांग्रेस के कार्यकर्ता अपने घर पर मतदाता पर्ची भरते थे और फिर एक एक घर में जाकर पर्चियों को बांटते थे। हमारे कार्यकर्ता को पता होता था कि किस घर में कौनसा मतदाता है। लेकिन अब जमाना बदल गया है और परंपरा भी टूट गई है। ऐसे में विशेषज्ञों को बुलाकर बूथ को मजबूत करने के बारे में बताया जा रहा है। मैं स्वयं मानती हंू कि हमारा कार्यकर्ता सब कुछ जानता हैं, लेकिन समय के साथ सीखना पड़ता है। वर्ष 2013 और 2014 में भाजपा ने मोबाइल फोन के जरिए सत्ता हासिल की। जबकि यह मोबाइल राजीव गांधी की देन है। हमें भी अब इस तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना चाहिए।
विशेषज्ञों ने दी जानकारीः
कांग्रेस की वर्कशॉप में प्रदेश कार्यसमिति के पदाधिकारियों, जिला कमेटियों के अध्यक्षों और मंडल अध्यक्षों ने भाग लिया। दिल्ली से आए विशेषज्ञों ने बूथ के बारे में विस्तृत जानकारी कार्यकर्ताओं को दी। विशेषज्ञों के पास राजस्थान के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों का ब्यूरो मौजूद था। प्रत्येक मतदान केन्द्र पर मतदाताओं की संख्या के साथ-साथ जातिगत समीकरण के बारे में भी कार्यकर्ताआंे को जानकारी दी गई।

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