चर्चों में कन्फेशन (जुर्म स्वीकारना और प्रायश्चित करना) रोक को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग की सिफारिश खारिज।

चर्चों में कन्फेशन (जुर्म स्वीकारना और प्रायश्चित करना) रोक को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग की सिफारिश खारिज।
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भारत के चर्चों में कन्फेशन (जुर्म स्वीकारना और प्रायश्चित करना) की जो परंपरा है वह जारी रहेगी। कन्फेशन की परंपरा को रोकने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग ने अल्पसंख्यक आयोग से सिफारिश की थी। लेकिन अब राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने ऐसी सिफारिश को खारिज करते हुए कहा है कि हम किसी एक घटना की वजह से कन्फेशन की परंपरा पर रोक नहीं लगा सकते। आयोग ने इसे ईसाई समुदाय की धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा भी माना है। महिला आयोग की सिफारिश के मद्देनजर पिछले दिनों केरल के चर्चों के पादरियों ने संयुक्त रूप से एक पत्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी लिखा था। इस पत्र में कहा गया था कि कन्फेशन परंपरा पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए। केन्द्रीय मंत्री के.जे. अल्फोज ने भी रोक का विरोध किया था। उल्लेखनीय है कि एक महिला ने केरल के एक चर्च के पादरी पर बलात्कार का आरोप लगाया था। इस महिला का कहना था कि जब चर्च में उसने कन्फेशन किया, तो पादरी ने उसकी मजबूरी का फायदा उठाया था। बाद में पीड़ित महिला ने राष्ट्रीय महिला आयोग से शिकायत की। इस शिकायत को आधार बनाते हुए ही महिला आयोग ने कन्फेशन परंपरा पर रोक लगाने की मांग की थी।
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