स्मार्ट सिटी के कार्यों को करवाने में अजमेर शहर के दोनों मंत्रियों की रुचि नहीं।

स्मार्ट सिटी के कार्यों को करवाने में अजमेर शहर के दोनों मंत्रियों की रुचि नहीं। धरा रह गया 250 करोड़ रुपए का प्लान।
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नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही देश के जिन तीन शहरों को स्मार्ट सिटी योजना में शामिल किया गया, उसमें अजमेर भी है। सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की संसार प्रसिद्ध दरगाह और जगतपिता ब्रह्मा की नगरी पुष्कर के अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक महत्व को देखते हुए मोदी सरकार ने 1947 करोड़ रुपए की स्मार्ट सिटी की योजना स्वीकृत की। इसमें से 991 करोड़ रुपए की राशि भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं में स्वीकृत की गई। इसी 991 करोड़ की राशि में से 250 करोड़ रुपए एरिया बेस डवलपमेंट और मैन सिटी के कार्यों पर खर्च होने थे। एरिया बेस डवलपमेंट के अंतर्गत आनासागर के किनारे और आसपास के 13 वार्डों में आधारभूत कार्य होने थे। इसी प्रकार मैन सिटी में आनासागर स्केप चैनल का आधुनिकीकरण तथा नालों को कवर करने आदि का कार्य था। स्मार्ट सिटी योजना के जानकारों के अनुसार आनासागर के किनारे वाले सभी वार्ड स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी के उत्तर विधानसभा क्षेत्र में तथा आनासागर स्केप चैनल से जुड़े सभी कार्य महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल के दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में होने थे। योजना से जुड़े इंजीनियरों एवं अधिकारियों ने दोनों ही मंत्रियों को 250 करोड़ रुपए के कार्यों से अवगत करवा दिया था, लेकिन इसके बावजूद भी इन कार्यों पर अमल नहीं हुआ। 250 करोड़ रुपए में से एक रुपया भी काम में नहीं आया। आमतौर पर विकास कार्यों में पैसे की कमी होती है, लेकिन अजमेर में उल्टा हो रहा है। यहां पैसा स्वीकृत है, लेकिन काम नहीं हो रहा है। जानकारों की माने तो 250 करोड़ रुपए के कार्य होते हैं तो पूरे शहर की काया पलट जाती। नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव में शहर के दोनों मंत्रियों को यह बताना चाहिए कि स्वीकृत राशि का उपयोग क्यों नहीं हुआ। अजमेर की जनता देवनानी और भदेल को गत 15 वर्षों से लगातार विधायक चुन रही है। वर्ष 2008 से 2013 के समय देवनानी और भदेल को यही शिकायत रहती थी कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, लेकिन अब तो पांच वर्षों से प्रदेश में भाजपा की सरकार है और देवनानी व भदेल स्वतंत्र प्रभार के मंत्री भी हैं, फिर स्वीकृत राशि का उपयोग नहीं करवा सके। गंभीर बात तो यह है कि स्मार्ट सिटी के कार्यों को करवाने की जिम्मेदारी भाजपा शासित अजमेर नगर निगम की है। निगम के साथ अजमेर विकास प्राधिकरण पर भी भाजपा के वरिष्ठ नेता शिव शंकर हेड़ा अध्यक्ष के पद पर हैं। यानि नीचे से लेकर ऊपर तक भाजपा का शासन है, तब भी विकास कार्य नहीं हो रहे है।
क्या होगा पीएम के सपनों काः
नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने पर अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने का जो सपना देखा था, उसका क्या होगा? सीएम वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा का समापन अजमेर में होना है। समापन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी का आना प्रस्तावित है। सवाल उठता है कि अजमेर के भाजपा नेता स्मार्ट सिटी के कार्यों की क्या जानकारी देंगे। पिछले दो वर्ष से कार्यों में प्रगति नहीं के बराबर हुई है। सवाल यह भी है कि जब स्वीकृत राशि का ही उपयोग नहीं हो रहा है तो फिर गौरव यात्रा में भी कौन सी उपलब्धियां गिनवाई जा रही हैं।
एस.पी.मित्तल) (30-07-18)
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