अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से सिंधी उम्मीदवार का विरोध।

अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से सिंधी उम्मीदवार का विरोध। मुस्लिमों ने राहुल गांधी को लिखा पत्र। कांग्रेस में हलचल।
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अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से सिंधी समुदाय के किसी व्यक्ति को कांग्रेस का उम्मीदवार नहीं बनाए जाने को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को एक पत्र लिखा गया है। इस पत्र पर मुस्लिम समुदाय के अनेक व्यक्तियों ने हस्ताक्षर किए हैं। पत्र में कहा गया है कि हाल ही में हुए लोकसभा के उपचुनाव में इस क्षेत्र के सिंधी बहुल्य मतदान केन्द्रों पर कांग्रेस को बहुत कम वोट मिले है। इससे प्रतीत होता है कि सिंधी समुदाय कांग्रेस की विचार धारा के साथ नहीं है। यदि इन परिस्थितियों में सिंधी समुदाय के किसी व्यक्ति को उत्तर क्षेत्र से कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया जाता है तो कांग्रेस को राजनीतिक दृष्टि से नुकसान होगा। पिछले तीन चुनावों में इस क्षेत्र से लगातार भाजपा का सिंधी उम्मीदवार ही जीत हासिल कर रहा है। जबकि इसी क्षेत्र में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह और आसपास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं। मुस्लिम समुदाय और अन्य जातियों में आपसी सद्भावना रहती है। देश के हालात कैसे भी हो, लेकिन इस क्षेत्र में सदभावना का माहौल बना रहता है। विधानसभा चुनाव में सिंधी समुदाय को छोड़ कर अन्य किसी भी समुदाय के व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया जाता है तो कंागे्रस की जीत सुनिश्चित है। पत्र में राहुल गांधी को बताया गया कि उत्तर क्षेत्र के वार्ड पार्षदों में से कांग्रेस ने एक भी पार्षद नहीं है, जबकि भाजपा में भी मात्र एक ही सिंधी समुदाय से पार्षद है। कोई दो लाख मतदाताआंे में से सिंधी समुदाय के मात्र 20 हजार मतदाता है। इन सब परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही उम्मीदवार का चयन किया जाना चाहिए।
इन लोगों ने किए हस्ताक्षरः
पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में मौलाना अब्दुल मकबूल, हाजी वसीम चिश्ती, मोइन खान, सैयद मकसूद चिश्ती, सलाउद्दीन, फिरोज खान, निजाम मंसूरी, इमरान चिश्ती, सद्दाम अली, अब्दुल कय्यूम, मोहम्मद मेहमूद खान, शाकिर खान आदि शामिल हैं। जिन लोगों ने पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं उनके मोबाइल नम्बर भी अंकित हैं। ताकि पत्र की सत्यता बनी रहे।
कांग्रेस में हलचलः
मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा राहुल गांधी को पत्र लिखा जाना कांग्रेस में हलचल माना जा रहा है। असल में उत्तर क्षेत्र से पूर्व में कांग्रेस भी सिंधी समुदाय के व्यक्ति को ही उम्मीदवार बनाती रही। इस क्षेत्र को सिंधी बहुल्य माना जाता है हालांकि अब सिंधी मतदाताओं की संख्या अपेक्षाकृत कम हुई है। चूंकि लोकसभा के उपचुनाव में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने उत्तर क्षेत्र के सिंधी समुदाय के लोगों को विधानसभा चुनाव में सम्मान दिए जाने का भरोसा दिलाया था। इसलिए सिंधी समुदाय के दीपक हासानी, गिरधर तेजवानी आदि सिंधी नेता सक्रिय नजर आए। हासानी तो इसी क्षेत्र से प्रदेश कार्यकारिणी में प्रतिनिधि भी बन गए। माना जा रहा है कि सिंधी समुदाय की सक्रियता को देखते हुए ही राहुल गांधी को पत्र लिखा गया है। इस पत्र को लिखवाने के पीछे कांग्रेस के गैर सिंधी नेता भी सक्रिय हो सकते हैं।
एस.पी.मित्तल) (02-08-18)
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