कांग्रेस के सांसद रघु शर्मा लोकसभा में क्यों नहीं उठाते मेयो काॅलेज के यौन शोषण कांड को।

कांग्रेस के सांसद रघु शर्मा लोकसभा में क्यों नहीं उठाते मेयो काॅलेज के यौन शोषण कांड को। राजस्थान पुलिस तो नतमस्तक है गवर्निंग कौंसिल के सामने।
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अजमेर से कांग्रेस के सांसद रघु शर्मा आए दिन अजमेर की समस्याओं को लोकसभा में उठाते हैं। सांसद ने मौजूदा सत्र में ही पुष्कर सरोवर के गंदे पानी की समस्या हो या फिर अजमेर मेड़ता रेल लाइन। सभी जरूरी मुद्दों पर सांसद ने लोकसभा में सक्रिय भूमिका निभाई है। लेकिन एक पखवाड़ा गुजर जाने के बाद भी सांसद ने अजमेर के बहुचर्चित मेयो काॅलेज यौन शोषण कांड पर अभी तक भी कोई विरोध प्रकट नहीं किया है। मेयो काॅलेज का कांड बेहद ही गंभीर है। क्योंकि एक छात्र ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई है कि काॅलेज के सीनियर छात्र जूनियर और नए छात्रों को नशीले पदार्थों का सेवान करवाकर दुष्कर्म करते हैं। मेयो काॅलेज का यह मामला इन दिनों मीडिया में चर्चित हो रहा है। रघु शर्मा को जागरुक सांसद माना जाता है। इसलिए अजमेर के 18 लाख मतदाता यह उम्मीद कर रहे हैं कि सांसद शर्मा मेयो काॅलेज के कांड को भी लोकसभा में उठाएंगे। जहां तक अजमेर और राजस्थान पुलिस का सवाल है तो मेयो काॅलेज की गवर्निंग कौंसिल के प्रभावशाली पदाधिकारियों के सामने पुलिस पूरी तरह नतमस्तक है। जांच अधिकारी की तो हिम्मत ही क्या बड़े-बड़े आईपीएस अफसर भी मेयो काॅलेज के परिसर में घुस नहीं सकते हैं। यही वजह है कि अभी तक भी पीड़ित छात्र के अदालत में बयान नहीं कराए जा सके हैं। आरोपी छात्रों के बारे में तो कोई सुराग ही नहीं है। पुलिस के बड़े-बड़े अधिकारियों ने इस कांड पर चुप्पी साध रखी है। इसकी मुख्य वजह यही है कि काॅलेज की गवर्निंग कौंसिल में पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनोर जैसे प्रभावशाली व्यक्ति सदस्य हैं। जोधपुर, कोटा और दूसरी रियासतों के प्रमुख भी पदाधिकारी हैं। राजस्थान पुलिस के रिटायर डीजीपी भी सदस्य बने हुए हैं। ऐसे में किसी सीआई डीएसपी, एसपी की कोई बिसात नहीं की वह अपने स्तर पर जांच को आगे बढ़ा सके। इससे ज्यादा शर्मनाक बात और क्या हो सकती है कि इतना बड़ा कांड हो जाने के बाद भी काॅलेज प्रबंधन की ओर से अभी तक भी खेद प्रकट नहीं किया गया है। जहां तक काॅलेज के प्रिंसिपल मेजर सुधीर कुलकर्णी की भूमिका का सवाल है तो उनकी भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। आरोप है कि पीड़ित छात्र के साथ लगातार दस दिनों तक नशीले पदार्थ पिलाकर दुष्कर्म होता रहा, लेकिन काॅलेज प्रशासन को भनक तक नहीं लगी। कहा जा रहा है कि ऐसी घटनाओं को काॅलेज प्रशासन गंभीरता के साथ नहीं लेता है। यही वजह रही कि जब छात्र ने प्रबंधन को शिकायत की तब भी आरोपी छात्रों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं है। मजबूरन छात्र के पिता को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवानी पड़ी। अब पुलिस भी लीपापोती का काम ही कर रही हैं। इस बात के पूरे प्रयास हो रहे हैं कि किसी तरह मामले को दबा दिया जाए। जबकि होना यह चाहिए कि इस मामले के उजागर होने पर प्रबंधन को भी काॅलेज परिसर के अंदर आवश्यक सुधार करने चाहिए। यहां यह उल्लेखनीय है कि मेयो शिक्षण संस्थान छात्रों के साथ-साथ गल्र्स स्कूल का भी संचालन करता है। ये दोनों ही संस्थान 12वीं कक्षा तक हैं। इसके अलावा को-एज्युकेशन के तौर पर मयूर सीनियर हायर सैकंडरी स्कूल का संचालन भी यही संस्थान करता है। मेयो काॅलेज और मेयो गल्र्स स्कूल दोनों आवासीय हैं। यह संस्थान कई एकड़ भूमि पर बना हुआ है। संस्थान में केन्द्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, देश के बड़े उद्योगपतियों, आईएएस, आईपीएस व अन्य बड़े अधिकारियों के बच्चे अध्ययन करते हैं। जिन पांच छात्रों के विरुद्ध दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करवाई गई है वे भी प्रभावशाली परिवारों के हैं। पुलिस ने पोक्सो और धारा 377 में मुकदमा तो दर्ज कर लिया है, लेकिन अब कोई कार्यवाही नहीं कर रही है।
एस.पी.मित्तल) (06-08-18)
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