सिद्धू के पाक सेना प्रमुख से गले मिलने का समर्थन करने वाले अब पाक के नए विदेश मंत्री के कश्मीर वाले बयान पर प्रतिक्रिया दें।

सिद्धू के पाक सेना प्रमुख से गले मिलने का समर्थन करने वाले अब पाक के नए विदेश मंत्री के कश्मीर वाले बयान पर प्रतिक्रिया दें।

पाकिस्तान के नए नवेले विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर सबसे बड़ा मुद्दा है। जब तक इस मुद्दे का हल नहीं निकलता तब तक दोनों देशों के बीच संबंध सुधरना मुश्किल है। दोनों देश संवाद के जरिए ही कश्मीर समस्या का समाधान कर सकते हैं। सब जानते हैं कि पाकिस्तान तो हमारे कश्मीर की आजादी चाहता है, इसलिए कुरैशी ने कश्मीर में पनप रहे आतंकवाद पर एक शब्द भी नहीं कहा और न ही पाकिस्तान में बैठ कर भारत के खिलाफ युद्ध करने की धमकी देने वाले आतंकी हाफिज सईद की गतिविधियों पर अंकुश लगाने की बात कही। एक तरह से पाकिस्तान की नई सरकार ने भी पुरानी नीति पर चलने के संकेत दिए हैं। सवाल उठता है कि ऐसे में कश्मीर में शांति कैसे हो सकती है। जब पाकिस्तान की ओर से कश्मीर सीमा पर गोलाबारी जारी रहेगी तब कश्मीर का मुद्दा कैसे सुलझ सकता है। जो लोग इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के पाक सेना प्रमुख जनरल बाजवा के गले मिलने का समर्थन कर रहे थे, उन्हें अब पाक के नए विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए। सिद्धू भले ही इमरान खान से दोस्ती के नाते पाकिस्तान गए, लेकिन उन्हें वहां भारत के प्रतिनिधि के तौर पर ही देखा गया। इस पूरे मामले में शर्मनाक पहलू ये है कि सिद्धू ने भी पाक सेना प्रमुख से गले मिलने को उचित माना है। सवाल उठता है कि जो जनरल बाजवा सीमा पर हमारे सैनिकों पर गोलाबारी करवा रहा है उस जनरल से क्या सिद्धू जैसे राजनेता को मिलना चाहिए?
अमरेन्द्र सिंह ने की निंदाः
नवजोत सिंह सिद्धू जिस पंजाब सरकार में मंत्री हैं उसके मुख्यमंत्री सरदार अमरेन्द्र सिंह ने भी बावजा से गले मिलने पर सिद्धू की निंदा की है। अमरेन्द्र सिंह ने कहा है कि सिद्धू को पाकिस्तान के सेना प्रमुख से गले नहीं मिलना चाहिए।

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