तो कश्मीर में मुसलमानों को पुलिस की नौकरी भी नहीं करने देंगे आतंकी।

तो कश्मीर में मुसलमानों को पुलिस की नौकरी भी नहीं करने देंगे आतंकी। 10 पुलिस कर्मियों के रिश्तेदार अगवा। सुप्रीम कोर्ट में 35ए पर सुनवाई टली।
=====
28 अगस्त को कश्मीर में चार मुस्लिम पुलिस कर्मियों की हत्या का गम अभी दूर भी नहीं हुआ था कि तीस अगस्त की रात को कश्मीर के 10 पुलिस कर्मियों के रिश्तेदारों को आतंकियों ने अगवा कर लिया है। 28 अगस्त को जिन चार पुलिस कर्मियों को अगुवा किया था उनके परिवार वालों खास कर मां बहन, पत्नी आदि ने रो रो कर आग्रह किया कि पुलिस कर्मियों को जिंदा छोड़ दिया जाए। लेकिन सबने देखा कि 29 अगस्त को चारों पुलिस कर्मियांे के शव सड़क पर मिले। आतंकियों ने अब जिन दस पुलिस कर्मियों के रिश्तेदारों को अगुवा किया है उनके परिजन भी रो रो कर आतंकियों से रहम की अपील कर रहे हैं। पूरा देश चाहता है कि अगवा होने वाले रिश्तेदार जिंदा रहे। लेकिन आतंकियों की बेरहमी का सभी को पता है। इससे पहले भी आतंकी कश्मीर पुलिस के अधिकारियों और जवानों की इसी तरह हत्या करते रहे हैं। पहले एक दो पुलिस कर्मियों को मौत के घाट उतारा जाता था, लेकिन अब सामूहिक तौर पर अपहरण किया जाता है और उनके शव सड़क पर फंेक दिए जाते हैं। असल में पाकिस्तान से प्रशिक्षित होकर आए आतंकी नहीं चाहते कि कश्मीर पुलिस में कोई मुसलमान काम करे। इसलिए पुलिस में दहशत का माहौल बनाया जा रहा है। आतंकियों को यह भी शक है कि पुलिस कर्मी ही सुरक्षा बलों को गोपनीय सुचनाएं देते हैं। आतंकियों का मकसद सुरक्षा बलों को कश्मीर में पुलिस से अलग करना है। यह वैसा ही काम है जैसा पूर्व में कश्मीर घाटी से हिन्दुओं को पीट पीट कर भगाया गया। पहले घाटी को हिन्दू विहीन किया गया और अब आतंकियों का मकसद घाटी को पुलिस विहीन करना है। यदि आतंकी अपने मकसद में कामयाब होते है तो आने वाले दिनों में घाटी के हालात और बिगड़ेंगे।
सुनवाई टलीः
कश्मीर घाटी में जो हालात हैं उन्हें देखते हुए ही 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट अनुच्छे 35ए की वैधता पर सुनवाई टल गई है। सरकार की ओर से कहा गया कि इस मुद्दे पर सुनवाई होती है तो कश्मीर के हालात और बिगड़ेंगे। कहा गया कि कश्मीर में सितम्बर में पंचायतीराज के चुनाव होने हैं। हालांकि अब अगले वर्ष 8 जनवरी को सुनवाई निर्धारित की गई है, लेकिन जनवरी में सरकार के पास मई में होने वाले लोकसभा चुनाव का बहाना होगा। असल में केन्द्र सरकार नहीं चाहती कि इस संवेदनशील मुद्दे पर कोर्ट में सुनवाई हो। मालूम हो कि भाजपा के नेता अश्विनी उपाध्याय ने एक जनहित याचिका दायर कर कश्मीर में अनुच्छेद 35ए को समाप्त करने की मांग की है। यह अनुच्छेद भी 370 से जुड़ा हुआ है। जो कश्मीरियों को विशेषाधिकार देता है।
एस.पी.मित्तल) (31-08-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
अपने वाट्सएप ग्रुप को 7976585247 नम्बर से जोड़े
Print Friendly, PDF & Email

You may also like...