भाजपा विधायक मानवेन्द्र सिंह की रैली सीएम वसुंधरा राजे के प्रति राजपूतों की नाराजगी को और बढ़ाएगी।

भाजपा विधायक मानवेन्द्र सिंह की रैली सीएम वसुंधरा राजे के प्रति राजपूतों की नाराजगी को और बढ़ाएगी।
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पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र भाजपा विधायक मानवेन्द्र सिंह ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 22 सितम्बर को बाड़मेर के पचपदरा में एक विशाल रैली रखी है। अभी यह तो नहीं पता कि मानवेन्द्र इस रैली में भाजपा को छोड़ कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा करेंगे या नहीं, लेकिन राजनीति के जानकारों का मानना है कि मानवेन्द्र की यह रैली राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे के प्रति राजपूत समाज की नाराजगी को और बढ़ाएगी। पदमावती फिल्म, आनंदपाल प्रकरण आदि को लेकर राजपूत और रावणा राजपूत समाज पहले ही वसुंधरा राजे से नाराज चल रहा है। गत दिनों जोधपुर संभाग में सीएम की गौरवयात्रा के दौरान बैनर पोस्टर फाड़ने और पत्थरबाजी करने के आरोप भी इसी समाज के युवाओं पर लगे हैं। राजस्थान में सक्रिय रजापूत और रावणा राजपूत समाज के अधिकांश संगठन सीएम  राजे के खिलाफ कई बार बयान दे चुके हैं। लोकसभा के उपचुनाव में प्रदेश की सभी 17 विधानसभा सीटों पर भाजपा की हार में भी इन दोनों समाजों की भूमिका रही।
गौरव यात्रा में साथ नहीं रहेः
सीएम राजे ने अपनी गौरव यात्रा बाड़मेर जिले में 6 आम सभाओं को संबोधित किया, साथ वे एक व दो सितम्बर को बाड़मेर में ही रही, लेकिन किसी भी सभा में मानवेन्द्र ने उपस्थिति दर्ज नहीं करवाई। इससे प्रतीत होता है कि भाजपा के विधायक होते हुए भी मानवेन्द्र अपनी ही मुख्यमंत्री से नाराज हैं। इसके विपरीत मानवेन्द्र 22 सितम्बर को होने वाली रैली में भीड़ जुटाने में व्यस्त है। असल में मानवेन्द्र के पिता जसवंत सिंह जब भाजपा की राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय थे, तभी से वसुंधरा राजे से विवाद चल रहा है। गत लोकसभा के चुनाव में यह विवाद तब और गहरा गया, जब वसुंधरा राजे ने जसवंत सिंह को बाड़मेर से भाजपा का टिकिट नहीं लेने दिया। हालांकि तब जसवंत सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और वे हार गए। जसवंत को अपने ही घर में मात देने के लिए तब राजे ने कांग्रेस के नेता रहे कर्नल सोनाराम को भाजपा का उम्मीदवार बनवाया। कर्नल की जीत भी हुई, लेकिन इससे राजपूत समाज में नाराजगी भी बढ़ी। मानवेन्द्र अब ऐसे समय रैली कर रहे है, जब नवम्बर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। माना जा रहा है कि राजे के खिलाफ जो सत्ता विरोधी लहर है उसे और हवा मिलेगी। राजे ने दो दिन लगातार बाड़मेर में गौरव यात्रा निकाली, लेकिन सभी सभाओं में राजे हेलीकाॅप्टर से पहुंची। बसनुमा गौरव रथ का उपयोग नहीं किया। पेरऊ कस्बा सीएम के आने पर बंद रखा गया। आम सभाओं में भी सुरक्षा के कडे़ इंतजाम किए गए। 22 सितम्बर को पचपदरा में होने वाली रैली में राजपूत और रावणा राजपूत समाज के बड़े पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।
एस.पी.मित्तल) (03-09-18)
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