सीएम राजे की गौरव यात्रा में अब कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं होगा।

सीएम राजे की गौरव यात्रा में अब कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं होगा। हाईकोर्ट के आदेश से भाजपा सरकार को तगड़ा झटका। अखबारों के विज्ञापनो पर भी रोक लगे।
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5 सितम्बर को सीएम वसुंधरा राजे और उनकी गौरव यात्रा को उस समय तगड़ा झटका लगा जब हाईकोर्ट ने यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार के सरकारी कार्यक्रम होने पर रोक लगा दी। यानी अब सीएम गौरव यात्रा के दौरान किसी योजना का उद्घाटन,शिलान्यास अथवा लाभार्थी संवाद नहीं कर सकेंगी। कोर्ट ने यह आदेश विभूति नारायण शर्मा की जनहित याचिका पर दिया है। इस याचिका में कहा गया था कि गौरव यात्रा राजनीतिक कार्यक्रम है, लेकिन फिर भी इसमें सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है। याचिका पर फैसला देते हुए जस्टिस जीआर मूलचंदानी ने कहा कि गौरव यात्रा पर किसी भी प्रकार से सरकारी धन का उपयोग नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने इस बात को माना कि यह यात्रा राजनीतिक है। कोर्ट ने यह आदेश तब दिया, जब पांच सितम्बर को सीएम वसुंधरा राजे जयपुर में अमरुदों के बाग में 50 हजार शिक्षकों के समारोह में उपस्थित थीं। यह समारोह भी सरकारी खर्च पर किया गया था। भाजपा के पांच वर्ष के शासन में जिन युवाओं ने शिक्षक की नौकरी प्राप्त की उन्हें जयपुर में शिक्षक दिवस पर सरकारी खर्चे पर बुलाया गया था। इस समारोह में सीएम के साथ सरकार के चार मंत्री भी मौजूद थे।
6 सितम्बर से बीकानेर संभाग में यात्राः
तय कार्यक्रम के अनुसार सीएम की गौरव यात्रा 6 सितम्बर से बीकानेर संभाग में रहेगी। अब तक प्रदेश के दो संभागों में गौरव यात्रा हो चुकी है। जानकारों की माने तो बीकानेर संभाग की यात्रा के कार्यक्रमों में अब बदलाव करना पड़ेगा।  सीएम ने जोधपुर संभाग की यात्रा के दौरान जगह-जगह उद्घाटन,शिलान्यास और लाभार्थियों से सीधा संवाद किया था। लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीएम ऐसा नहीं कर सकेंगी। यदि सीएम को किसी सरकारी योजना का उद्घाटन अथवा शिलान्यास करना है तो उन्हें अलग से कार्यक्रम बनाना होगा। उल्लेखनीय है कि पूर्व में पीडब्ल्यूडी  के चीफ इंजीनियर में एक आदेश जारी कर गौरव यात्रा के दौरान आम सभाओं में टेंट मंच माइक आदि लगाने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद सरकार ने चीफ इंजीनियर का आदेश वापस लिया। लेकिन यात्रा का खर्च सरकार के जिम्मे डालने के लिए योजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास की तरकीब निकाल ली, लेकिन अब कोर्ट ने ऐसे सरकारी कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है। कोर्ट के आदेश के बाद सीएम की गौरव यात्रा पर अब किसी भी प्रकार से सरकारी राशि का खर्च नहीं हो सकेगा।
विज्ञापनों पर लगे रोकः
सीएम की गौरव यात्रा के दौरान सरकार की ओर से प्रति दिन अखबारों में पूरे पृष्ठ के विज्ञापन दिए जा रहे हैं। यह विज्ञापन सरकार की उपलब्धियों से संबंध्ंिात हैं। पांच सितम्बर को तो एक साथ दो पृष्ठ के विज्ञापन दिए गए। कोर्ट ने जब यात्रा के दौरान सरकारी कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है, तब सीएम की यात्रा वाले दिन अखबारों में पूरे पृष्ठ के विज्ञापन भी नहीं छपने चाहिए। एक अनुमान के मुताबिक सरकार का इन विज्ञापनों पर प्रति दिन एक करोड़ रुपया खर्च हो रहा है। इस एक करोड़ की राशि में टीवी चैनलों पर प्रसारित सरकारी विज्ञापनों का खर्च शामिल नहीं है।
एस.पी.मित्तल) (05-09-18)
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